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केंद्र सरकार ने अयोध्या मामले में ट्रस्ट का निर्माण कर दिया है। इस ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे। इस सभी के नामों की घोषणा कर दी गई है। लेकिन सरकार द्वारा महंत नृत्य गोपाल दास को ट्रस्ट में शामिल न करने के चलते संत समाज के लोगों में निराश हैं।
इस बारे में राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य ने दावा किया है कि मोदी सरकार के एक शीर्ष मंत्री ने ये आश्वासन दिया कि महंत नृत्य गोपाल दास को राम मंदिर ट्रस्ट में सर्वोच्च पद दिया जायेगा। जोकि विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता और राम जन्मभूमि न्यास के महंत हैं।
वहीं इस मामले में नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने पत्रकारों से बताया कि, ‘संत समाज के लोग सरकार द्वारा राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों की घोषणा के बाद से निराश थे। क्योंकि राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष को किनारे कर दिया गया। इसके लिए गुरूवार को एक आपात बैठक भी बुलाई थी, लेकिन दिल्ली से फोन आने के बाद इस बैठक को रद्द कर दिया गया।’
महंत ने बताया कि ‘मोदी सरकार में सीनियर मंत्री ने लगातार दो दिन नृत्य गोपाल दास से बात की। उन्होंने आश्वासन दिया है कि नृत्य गोपाल दास को ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाया जाएगा। साथ ही वीएचपी के एक वरिष्ठ सदस्य को महासचिव भी नियुक्त किया जाएगा। इसकी घोषणा में आठ से दस दिन का समय लग सकता है। इस बात से हम सभी खुश हैं और इसके घोषणा की प्रतीक्षा कर रहे हैं।’
महंत का कहना है कि राम मंदिर आंदोलन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका राम जन्मभूमि न्यास और विहिप ने निभाई थी। इसी वजह से हम प्रमुख पदों के दावेदार हैं। यही नहीं मंदिर निर्माण के लिए विहिप द्वारा तैयार किये गये मंदिर मॉडल को ही अंतिम रूप दिये जाने चाहिए। हालांकि, इस मामले में महंत कमल नयन दास की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
राम नवमी के दिन शुरू हो सकता है निर्माण कार्य
इसी बीच बताया जा रहा है कि राम मंदिर निर्माण के लिए जो ट्रस्ट बनाया गया है। वो इस महीने के अंत में अपनी पहली बैठक आयोजित करेगा। इस बैठक में ये निर्णय लिया जा सकता है कि भव्य मंदिर निर्माण कार्य राम नवमी के शुभ दिन से शुरू हो सकता है।
ये लोग होगें ट्रस्ट में शामिल
इस 15 सदस्यीय ट्रस्ट में वरिष्ठ वकील के पाराशरण समेत जगतगुरु शंकराचार्य ज्योतिष पीठाधीश्वर (प्रयागराज) के स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, कर्नाटक के पेजावर मठ के जगतगुरु मध्वाचार्य स्वामी प्रसन्नतीर्थ, हरिद्वार के अखंड आश्रम प्रमुख युगपुरुष परमानंद जी महाराज, पुणे के स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज, अयोध्या के राजपरिवार के वंशज विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र आदि प्रमुख नामों को शामिल किया गया है।