जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। हरिद्वार में आज से महाकुम्भ शुरू हो गया है। पहली अप्रैल को शुरू हुआ महाकुम्भ 30 अप्रैल तक चलेगा। इस एक महीने में पांच बड़े स्नान होंगे।
शाही स्नानों में 13 अखाड़े शामिल होंगे। जूना अखाड़े से सम्बद्ध किन्नर अखाड़ा भी स्नान करेगा। महाकुम्भ में गंगा में डुबकी लगाने की मनोकामना रखने वालों को हरिद्वार बार्डर पर ही कोरोना टेस्ट कराना होगा।
अब महाकुम्भ का समय आ गया है। महाकुम्भ में देश भर के लोग आयेंगे। इन्हें कैसे रोका जाए इसकी तैयारी चल रही है। महाकुम्भ में शामिल होने जा रहे दूसरे प्रदेशों के लोगों के लिए ज़रूरी है कि वह अपनी कोरोना जांच कराकर चलें।
30 अप्रैल तक चलने वाले महाकुंभ में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं को कोविड-19 की 72 घंटे पहले तक की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी।
हरिद्वार महाकुंभ में आने के लिए श्रद्धालुओं को www.haridwarkkumbhmela2021.com, www.haridwarkumbhpolice2021.com पर पंजीकरण कराना होगा।
इसके लिए अपनी पूरी जानकारी के साथ 72 घंटे पहले तक की कोरोना की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट और फिटनेस प्रमाणपत्र अपलोड करना होगा। पंजीकरण की रिसीप्ट मोबाइल में या इसका प्रिंट दिखाने के बाद ही श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र में प्रवेश दिया जाएगा।
हर व्यक्ति मास्क पहनकर आएगा। यह कुम्भ मेला हरिद्वार प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। देश में कोरोना की लहर चल रही है। कई प्रदेशों में हालात बेकाबू होने की तरफ बढ़ चले हैं।
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वैक्सीन लगवाने वालों को भी कोरोना हुआ जा रहा है। ऐसे में महाकुम्भ में शिरकत के लिए आ रहे जनसमुद्र पर कैसे नियंत्रण किया जाए यह सबसे बड़ा सवाल बन गया है।
दिक्कत की बात यह भी है कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कोरोना को देखते हुए कई तरह के प्रतिबन्ध लगाए थे लेकिन तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री बनने के बाद त्रिवेन्द्र सरकार का फैसला पलटते हुए सभी प्रतिबंधों को हटा दिया था।