जुबिली न्यूज़ डेस्क
आज माघ पूर्णिमा है। हिन्दू धर्म में इस दिन का विशेष महत्त्व है। इस ख़ास दिन पर पवित्र नदियों में स्नान करने की परम्परा है। ऐसा माना जाता है कि पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप मिट जाते हैं। इसके साथ ही इस खास दिन पर पितरों का श्राद्ध और गरीब व्यक्तियों को दान करने से पुण्य मिलता है। साथ ही प्रयाग में गंगा स्नान करने से सारी मनोकामना भी पूरी होती है।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन दान और स्नान करने से बत्तीस गुना ज्यादा फल की प्राप्ति होती है। इसलिए इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहते हैं। माघ पूर्णिमा के दिन लोग भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत रखने के साथ ही उनकी विधि-विधान से पूजा भी करते हैं। साथ ही इस दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान, दान और जप करना बहुत पुण्यकारी होता है।
इस दिन भगवान श्री सत्यनारायण की पूजा की जाती है। श्री सत्यनारायण भगवान विष्णु का ही एक रूप हैं। इनकी पूजा में केला पत्ता, पंचामृत, सुपारी, पान, शहद, मिष्ठान, तिल, मौलि, कुमकुम, दूर्वा का उपयोग जरूर करें। इससे श्री हरि का आशीर्वाद मिलता है।
वहीं कुछ लोग कथा भी सुनते हैं। ऐसा माना जाता है कि आज के दिन सत्यनारायण की पूजा करने से सौभाग्य का वरदान मिलता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
संगम पर पहुंचे श्रद्धालु
वहीं इस दिन स्नान दान के लिए संगम पर श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला बीते दिन से ही शुरू हो गया। यही नहीं संतों-कल्पवासियों के शिविरों में भी आधी रात तक श्रद्धालु पहुंचते रहे। प्रयागराज में किला रोड से लेकर, काली मार्ग हो या फिर लाल मार्ग या त्रिवेणी मार्ग, हर तरफ वाहनों का रेला लगना शुरू हो गया।
बता दें कि इस बार भी माघी पूर्णिमा स्नान पर्व पर त्रिवेणी में पावन डुबकी के लिए संगम सहित आठ घाट बनाए गए हैं। सर्क्युलेटिंग एरिया भी बढ़ाई गई है, ताकि गंगा के तटों पर सामाजिक दूरी का पालन कराया जा सके। इसके अलावा काली, त्रिवेणी मार्गों के दोनों तरफ बने स्नान घाटों पर कासा और पुआल बिछाए गये हैं जिससे श्रद्धालुओं को स्नान के दौरान किसी तरह की कोई समस्या न हो ।
महत्व
इस दिन की पूर्व संध्या पर पवित्र नदी में स्नान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन दान-पुण्य करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही भगवान विष्णु और हनुमान जी की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने वाले भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।