जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात को हमलावरों ने गोली मारकर मौत की नींद सुला दी है। दोनों की हत्या को लेकर अब पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कैसे पुलिस की मौजूदगी में इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया।
उधर घटना के फौरन बाद यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य के पुलिस अधिकारियों के साथ कई बैठक कर चुके हैं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने और कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इस पूरे मामले पर सीएम योगी के ऑफिस से एक बयान भी जारी किया गया है।
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उधर जानकारी मिल रही की अतीक-अशरफ का शव कसारी मसारी कब्रिस्तान पहुंच गया है औरअतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के शव रविवार को प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में दफना दिए गए। बताया जा रहा है कि अतीक-अशरफ को दफनाने की प्रक्रिया जारी है और इस दौरान दोनों बेटे मौजूद है वही कसारी-मसारी के बाहर भारी भीड़ देखी जा सकती है।
उधर हत्या करने वाले तीनों आरोपियों की पहचान कर ली गई है। स्थानीय मीडिया ने बताया है कि अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों युवकों के नाम सनी, अरुण और लवलेश है। पुलिस रिकॉर्ड में इनका नाम शामिल है। मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों हत्यारों को कॉल्विन अस्पताल ले जाकर पूछताछ शुरू कर दी है।
पता ये भी चला है कि ये तीनों प्रयागराज के रहने वाले नहीं है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अतीक अशरफ की हत्या करने वाला लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है जबकि अरुण मौर्य हमीरपुर का निवासी है। तीसरा आरोपी सनी कासगंज जनपद से है। उधर इस पूरे हत्याकांड में और कौन-कौन शामिल है, इसकी जांच भी शुरू हो गई है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हत्याकांड की जांच के लिए 3 सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है. पूरे यूपी में धारा 144 लागू कर दी गई है। आरोपियों के नाम अरुण मौर्य निवासी कासगंज, लवलेश तिवारी निवासी बांदा और सनी निवासी हमीरपुर है।