Friday - 8 November 2024 - 1:42 PM

नेपाल सीमा से लगे मदरसों की कराई जाएगी जांच, होगा जकात का खुलासा

जुबिली न्यूज डेस्क

नेपाल सीमा पर स्थित यूपी के जिलों के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच होगी। सर्वे में ज्यादातर सीमावर्ती मदरसों ने अपनी आय का स्रोत जकात बताया है। अब पता लगाया जाएगा कि बॉर्डर के गैर मान्यता प्राप्त डेढ़ हजार से ज्यादा मदरसों को यह जकात कहां से मिल रही है। इसके लिए सीएम की अध्यक्षता में बैठक होने जा रही है।

गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे पूरा

बता दे कि प्रदेश के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे पूरा हो चुका है। सर्वे में सामने आया है कि करीब साढ़े आठ हजार मदरसे ऐसे हैं जिन्होंने मान्यता नहीं ली है। इनमें 7.64 लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं। सर्वे में ज्यादातर मदरसों ने आय का स्रोत जकात को बताया है। सरकार भी यह मान भी रही है, लेकिन सरकार की मंशा है कि जकात का जरिया भी पता होना चाहिए। खास तौर से नेपाल बॉर्डर के जिलों में इस पर फोकस करने को कहा गया है।

बॉर्डर के जिलों सिद्धार्थनगर में 500 से ज्यादा, बलरामपुर में 400 से ज्यादा, लखीमपुर खीरी में 200, महराजगंज में 60, बहराइच तथा श्रावस्ती में 400 से ज्यादा मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिले हैं। इन सभी मदरसों में देखा जाएगा कि उन्हें जकात कहां से मिल रही है। हालांकि कई मदरसों ने मौखिक बताया है कि उन्हें कोलकाता, चेन्नई, मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद सहित कई महानगरों से जकात मिलती है।

कुछ मदरसों को दुबई व नेपाल के भी सहयोग राशि देते हैं। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि इसके लिए सीएम की अध्यक्षता में बैठक होगी और उनसे इस पर मंजूरी ली जाएगी ताकि इस पर पूरी गंभीरता से काम हो सके।

बैठक में कार्रवाई पर होगा फैसला

गैर मान्यता प्राप्त मदरसों पर क्या कार्रवाई होगी, सीएम की बैठक में इस पर मंथन होगा। मंत्री के मुताबिक सरकार की मंशा है कि मदरसों में पढ़ रहे छात्र ऐसी संस्थाओं में पढ़ें जहां उनका भविष्य संवर सके और वे मुख्य धारा से जुड़ें।
इस्लाम में हर उस मुसलमान को जकात देनी चाहिए जिसके पास 52.5 तोले चांदी के बराबर चल या अचल संपत्ति है। इसमें निजी मकान और गाड़ी को छोड़ा गया है। ऐसे व्यक्ति को अपनी सालाना बचत का 2.5 प्रतिशत हिस्सा गरीबों को दान या जकात देना चाहिए।

ये भी पढ़ें-राहुल गांधी की आज चुनावी रैली, जानें कहां भरेंगे हुंकार 

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com