न्यूज़ डेस्क
भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली हैं। इससे पहले भाजपा प्रदेश मुख्यालय में चौहान को विधायक दल का नेता चुना गया।
वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय पर्यवेक्षक अरुण सिंह ने भार्गव के प्रस्ताव का विधायकों द्वारा समर्थन किए जाने पर चौहान को विधायक दल का नेता चुनने का ऐलान किया।
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कमलनाथ द्वारा 20 मार्च को इस्तीफा सौंपे जाने के बाद से भाजपा में सरकार गठन की कवायद चल रही थी। पार्टी के निर्देश पर शाम छह बजे विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में विधायकों से केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर विनय सहस्त्रबुद्घे व अरुण सिंह ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की। उसके बाद सर्वसम्मति से चौहान को नेता चुना गया।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा का कहना है, “रीवा, सीधी, सिंगरौली आदि स्थानों के विधायक बैठक में नहीं आ पाए, मगर उनकी सहमति ली गई। कुल विधायकों में 80-85 प्रतिशत विधायक बैठक में पहुंचे।”
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भाजपा ने कोरोनावायरस को लेकर बैठक में हिस्सा लेने आने वाले विधायकों को अन्य किसी को साथ न लाने के निर्देश दिए थे, जिसका सभी ने पालन किया। इसके अलावा विधायक मॉस्क लगाए हुए थे और उन्होंने सेनेटाइजर का उपयोग कर ही बैठक में हिस्सा लिया।
ज्ञात हो कि कांग्रेस के 22 विधायकों के बगावत करने और सदस्यता से इस्तीफा दिए जाने के बाद कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 20 मार्च को पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद से कमलनाथ सरकार को राज्यपाल ने कार्यवाहक के तौर पर काम करने के निर्देश दिए थे।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि कोरोनावायरस के संक्रमण के चलते राज्य के लिए स्थाई सरकार की जरूरत है। इसलिए भाजपा ने विधायक दल की बैठक बुलाई और नेता का चुनाव किया।
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