जुबिली न्यूज़ डेस्क
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले की सिलवानी तहसील के ग्राम जैथारी में ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से निराश्रित गायों के लिये गौ-शाला बनाकर एक अनोखा उदाहरण पेश किया है। उनके इस कदम से गौ-शाला से 120 गायों को न केवल सहारा मिला है बल्कि खेतों में होने वाले फसल नुकसान और सड़क दुर्घटनाओं में काफी कमी आयी है।
दरअसल हुआ कुछ ऐसा कि ग्राम जैथारी के कमलेश लोधी ने एक दिन देखा कि एक व्यक्ति निराश्रित गाय को डंडे से बड़ी बेरहमी से पीटते हुए खेत से भगा रहा है। उन्हें गाय पर हो रही हिंसा के साथ ही व्यक्ति की फसल नुकसानी पर भी बहुत दुख हुआ।
उन्होंने गाँव के लोगों से बात की और समझाया कि थोड़े से सहयोग से गाँव और आस-पास के बेसहारा मवेशियों के लिये अस्थाई गौ-शाला बनाकर फसल नुकसान और सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।
इससे बेसहारा गौ-वंश को आश्रय मिलने के साथ भरपेट चारा-पानी भी मिलेगा तो वे खेतों और सड़कों की ओर रूख नहीं करेंगे। कमलेश की कोशिश रंग लाईं।
गौ-शाला के लिये जसवंत धाकड़ ने अपनी जमीन दी, किसी ने लकड़ी, किसी ने प्लास्टिक तिरपाल दिया तो किसी ने चारा-पानी की व्यवस्था की। इसके बाद हाथों हाथ गौ-शाला बनकर तैयार हो गयी। गौ-शाला में 120 गाय हैं, जिनकी देखभाल के लिये तीन लोगों को रखा गया है। इससे किसान खुश हैं।
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उनके इस कदम के बाद रखवाली के लिये अब हमेशा खेत पर नहीं रूकना पड़ता क्योंकि गायों ने खेत में चरने के लिये घुसना बंद कर दिया है। सड़क पर गायों के झुंड अब नहीं बैठते इससे दुर्घटनायें भी काफी कम हो चली है। गौ-शाला सतत् चलती रहे इसके लिये ग्रामवासी विजय, राम लखन, वीरेन्द्र, भोजराज, मोहन मुरारी, महेश पाल, संजय और गंगाराम चौधरी सहित अन्य ग्रामीण निरन्तर सहयोग दे रहे हैं।