जुबिली न्यूज डेस्क
मध्य प्रदेश में पिछले चुनाव में हिंदू महासभा से पार्षद बनकर नगर निगम परिषद में पहुंचे गोडसे समर्थक बाबूलाल चौरसिया ने निगम चुनाव से पहले कांग्रेस का हाथ थामा है। भोपाल में एक कार्यक्रम में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने उन्हें कांग्रेस की सदस्यता दिलाई है। बाबूलाल पहले भी कांग्रेसी थे। बीते चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर बगावत कर उन्होंने हिंदू महासभा से पार्षद का चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की थी।
हालांकि वे चर्चा तब आए जब 2017 में ग्वालियर हुए नाथूराम गोडसे की प्रतिमा लगाए जाने के एक कार्यक्रम में शामिल हुए। तबसे उनकी छवि गोडसे भक्त की हो गई।
I am a Congressman by birth. I left the party after I was denied the party ticket to municipal corporation elections. I had joined Hindu Mahasabha, contested & won the election. Later, I realised that I don't fit into their ideology: Gwalior corporator Babulal Chaurasia pic.twitter.com/JEAnSrTgJV
— ANI (@ANI) February 25, 2021
कांग्रेस में शामिल होने पर बाबूलाल चौरसिया ने कहा, ‘मैं जन्म से ही कांग्रेसी हूं। निकाय चुनाव में पार्टी की ओर से टिकट न दिए जाने पर मैंने कांग्रेस छोड़ दी थी। इसके बाद मैं हिंदू महासभा में शामिल हो गया था और चुनाव भी जीता। लेकिन बाद में मुझे लगा कि मैं उनकी विचारधारा में फिट नहीं बैठता हूं। इसलिए कांग्रेस में वापसी कर ली।
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बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने पर पार्टी के नेता मानक अग्रवाल ने कमलनाथ का बचाव किया है। उन्होंने कहा है कि गोडसे की पूजा करने वालों को कांग्रेस में शामिल नहीं करवाना चाहिए। हम इसके सख्त खिलाफ हैं। कमलनाथ जानकारी में सारी चीजें नहीं होंगी। इसलिए उन्होंने पार्टी में शामिल करा दिया, इसका विरोध किया जाएगा।
दूसरी ओर बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने पर भारतीय जनता पार्टी ने सवाल उठाया है। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, ”गोडसे के पुजारी और कांग्रेस की सवारी, कांग्रेस महात्मा गांधी का प्रयोग नोटों और वोटों के लिए करती है। कांग्रेस की सोच विभाजनकारी है।”