जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर को आपराधिक मामलों में राज्य में नम्बर वन माना जाता है. अवैध हथियारों और अवैध शराब के मामले में इंदौर का नाम सबसे पहले लिया जाता है. हवाला मामले में भोपाल और इंदौर संयुक्त रूप से पहले स्थान पर हैं. मध्य प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसटीएफ ने जिलेवार जो सूची तैयार की है उससे पूरे सूबे में अपराधियों की तस्वीर शीशे की तरह से साफ़ नज़र आती है.
एसटीएफ की कोशिशों से तैयार की गई लिस्ट से पता चलता है कि ग्वालियर में सबसे ज्यादा रेत माफिया सक्रिय हैं. हाऊसिंग सोसायटी में माफियाओं का सबसे ज्यादा दखल इंदौर में है. अवैध मादक पदार्थ और वन्य जीव तस्करी में जबलपुर पहले स्थान पर है. एसटीएफ की इस सूची में तकरीबन 89 हज़ार बदमाशों के नाम हैं. इन सभी बदमाशों पर चौबीसों घंटे नज़र रखी जा रही है. एसटीएफ ने तय किया है कि मध्य प्रदेश को संगठित अपराधों से मुक्ति दिलायेगी.
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मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ते अपराधों को देखते हुए सरकार ने यह सूची तैयार करवाई है. एसटीएफ ने पांच साल के दौरान जिन बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई की है उनका डाटा पहले से उसके पास था. इस डाटा के आधार पर एसटीएफ ने अपराधियों और उनके गैंग पर शिकंजा कसने का फैसला किया है. अपराधियों की सूची में सिर्फ उन्ही बदमाशों को शामिल किया गया है जिन्होंने दो या दो से अधिक अपराध किये हैं. अपहरण, अवैध शराब, खनन,हवाला,वन्यजीव से जुड़े अपराधों के अलावा हाउसिंग सोसायटी से जुड़े अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है.