न्यूज़ डेस्क।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ एसआईटी ने जांच शुरू करने की बात कही है। एसआईटी के इस बयान के बाद से सियासी गलियारे में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
शिरोमणि अकाली दल के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि हमने एसआईटी (1984 सिख विरोधी दंगे) के अध्यक्ष से मुलाकात की और उनसे कहा कि हमारे 2 गवाहों के बयान दर्ज करें और कमलनाथ (मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री) के खिलाफ मामला फिर शुरू करें। जांच की प्राथमिकता कमलनाथ की भूमिका की रहेगी। उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि वे मामले को फिर से खोल रहे हैं और जांच का प्राथमिक फोकस कमलनाथ की भूमिका होगी।
Akali Dal-BJP MLA, MS Sirsa: We met the Chairman of SIT (1984 anti-Sikh riots) & told him to register deposition of 2 of our witnesses & reopen the case against Kamal Nath. He assured us that they are reopening the case & the primary focus of probe will be the role of Kamal Nath. pic.twitter.com/NLtBlBvTmY
— ANI (@ANI) June 20, 2019
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इससे पहले बीते शनिवार को सिरसा ने शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने बयान दिया था कि केंद्रीय गृहमंत्रालय ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ एसआईटी जांच के लिए कहा है।
उन्होंने कहा था कि अब मामले की फिर से जांच के साथ कमलनाथ सज्जन कुमार की तरह जेल जाएंगे जो गांधी परिवार के कारण जेड प्लस सुरक्षा ले रहे थे। नई जांच पूरी होने के बाद 1984 के दंगों के मामले में कोर्ट में उनकी संलिप्तता साबित होगी।
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बता दें कि सिख दंगों के दौरान ऐतिहासिक गुरुद्वारा रकाबगंज को आग लगा दी गई थी। इन भीषण कांड का आरोप कमलनाथ पर लगा था। हालांकि कांग्रेस राज में हुई एसआईटी जांच, रंगनाथ मिश्रा कमीशन जांच, नानावती कमीशन इन्क्वायरी में कमलनाथ के खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हो पाया। लेकिन सिख संगठन आज भी कमलनाथ पर ऊंगली उठाते हैं।