स्पेशल डेस्क
भोपाल। मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार जाएगी या नहीं इसको लेकर कई तरह के कयास लग रहे हैं। बीजेपी बार-बार कह रही है कि कमलनाथ की सरकार के पास बहुमत नहीं इसलिए उनको सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। इतना ही नहीं बीजेपी दावा कर रही है कि फ्लोर टेस्ट में कमलनाथ फेल होंगे इसलिए कांग्रेस फ्लोर टेस्ट से बच रही है।
उधर कांग्रेस ने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है। हालांकि वो लगातार फ्लोर टेस्ट से किनारा कर रही है। दूसरी ओर मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ की सरकार के खिलाफ सख्त रूख अपना रखा है।
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जहां एक ओर राज्यपाल चाहते हैं कि कमलनाथ फ्लोर टेस्ट दे लेकिन कांग्रेस इससे बच रही है। ऐसे में वहां पर अब सत्ता संघर्ष भी तेज हो गया है। राजभवन और स्पीकर के बीच तनातनी की स्थिति पैदा हो गई है।
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इस वजह से कमलनाथ की सरकार कितने दिन या फिर कितने घंटे की बची है। इसको लेकर अब राज्य में चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। राजभवन के सख्त रवैये को देखते हुए कहा जा रहा है कि राज्यपाल कमलनाथ सरकार को बर्खास्त करने की दिशा में कोई फैसला कर सकते हैं।
हालांकि यह कहना अभी जल्दीबाजी होगी। विधानसभा सत्र सोमवार को शुरू हुआ था लेकिन राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण के फौरन बाद सदन की की कार्यवाही को 26 मार्च तक स्थगित कर दी गई थी।
ऐेसे में सोमवार को कमलनाथ फ्लोर टेस्ट सेबच गए थे लेकिन इसके बाद मंगलवार को भी उनसे राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट देने को कहा है लेकिन पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में जा पहुंचा है।
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उधर, राज्यपाल के आदेश के बावजूद विधानसभा में फ्लोर टेस्ट नहीं कराने के खिलाफ भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट जा पहुंची है। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विधानसभा स्पीकर को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा। बुधवार को फिर सुनवाई होगी।
बता दें कि राज्यपाल ने कमलनाथ को दोबारा यानी सोमवार को फिर पत्र लिख कर कहा था कि अगर कमलनाथ सरकार बहुमत साबित नहीं करेगी तो उसे अल्पमत में माना जाएगा। इसके बाद फौरन कमलनाथ ने फिर राज्यपाल से मुलाकात की थी और कहा था कि अभी उनके पास बहुमत है, ऐसे में उन्हें साबित करने की कोई जरूरत नहीं है।
मध्य प्रदेश विधानसभा की दलीय स्थिति
- कुल विधायक 230
- प्रभावी संख्या 222
- कांग्रेस 108
- भाजपा 107
- बसपा 02
- सपा 01
- निर्दलीय 04
- रिक्त 08
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कुल मिलाकर राज्पाल के अल्टीमेटम के बावजूद कमलनाथ फ्लोर टेस्ट को लेकर कोई फैसला नहीं ले रहे हैं जबकि राजभवन के तेवर कमलनाथ सरकार के खिलाफ सख्त नजर आ रहे हैं। अब सबकी नजरे सुप्रीम कोर्ट पर जा टिकी है। राजभवन और कमलनाथ के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। ऐसे में राज्यपाल कमलनाथ सरकार को बर्खास्त करने का कठोर कदम भी उठा सकते हैं।