जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ। समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक द्वारा डेटा फीडिंग की विभागवार समीक्षा में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। माध्यमिक स्कूलों के आंकड़ो में कई तरह की विसंगितयां मिली तो वहीं 3300 से अधिक मदरसों ने अपनी जानकारी पोर्टल पर अपडेट ही नहीं की। वहीं माध्यमिक स्कूलों में पिछले सत्र में दर्शाए गए कमरों की संख्या इस सत्र में कम हो गई तो कहीं पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं में कमी सामने आई है।
देश भर के सभी शिक्षण संस्थानों को अपना डेटा व रैंकिंग जुड़ी जानकारी यूडाइस पोर्टल पर दर्ज करना होता है। लेकिन 3300 से अधिक मदरसों ने अपनी जानकारी पोटर्ल पर अपडेट नहीं की है। इससे अब इन संस्थानों के भविष्य पर सवाल खड़ा हो रहा है। पोर्टल पर समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई जिसके बाद अल्पसंख्यक विभाग को जांच करने के लिए कहा गया है कि यह मदरसे हकीकत में अस्तित्व में है या नहीं साथ ही इन सभी मदरसों को नोटिस जारी करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
केंद्र द्वारा संचालित पोर्टल यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फार्मेशन सिस्टम (यू डायस) पर बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के सभी शिक्षण संस्थान अपने यहां के शिक्षण व संस्थान से जुड़े हर डेटा को अपलोड करते हैं। इसी के आधार पर उन सभी शिक्षण संस्थानों की ग्रेडिंग तय की जाती है और नीतियों के निर्धारण में इन सभी आंकड़ों का प्रयोग किया जाता है। पिछले दो सालों से प्रदेश के ज्यादातर मान्यता प्राप्त मदरसों ने यू डायस पोर्टल पर कोई डेटा नहीं भरा है जिसके बाद पोटल पर उनकी लॉगिन भी स्थायी रूप से बंद कर दी गई है।
कहीं कमरे घटे तो कहीं सुविधाएं हुई कम
समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक द्वारा पिछले हफ्ते डेटा फीडिंग की विभागवार समीक्षा की गई थी जिसमें माध्यमिक स्कूलों के आंकड़ों में भी कई तरह की विसंगितयां मिली हैं। जैसे 93 स्कूलों में पिछले सत्र में क्लास रूम की संख्या अधिक दिखाई गई थी, इस बार वह कम बताई गई है। वहीं, कई जगहों पर पिछली बार पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता बताई गई थी, इस बार उस कॉलम में अनुपलब्धता दिखाई गई है। 63 स्कूलों को पिछली बार विद्युतीकृत बताया गया, इस बार वह सुविधा नहीं है। इन सभी आंकड़ों की जांच कर दुरुस्त करने को कहा गया है, जिससे प्रदेश की इंडेक्स व रैंकिंग बेहतर हो सके।
नोटिस जारी कर जांच का आदेश
इन मदरसों को नोटिस जारी करने और यह जांचने को कहा गया है कि वास्तव में इनका अस्तित्व है कि नहीं। साल 2020-21 में 12943 मदरसों ने अपना डेटा पोर्टल पर भरा था। इस बार अब तक 9166 मदरसों ने ही डेटा फीडिंग शुरू की है। 3327 मदरसों ने डेटा नहीं दिया है।