स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कल चुनाव होना है। ऐसे में में राजधानी की सियासत में हलचल देखी जा सकती है। लखनऊ में एक बार फिर बीजेपी की तरफ से राजनाथ सिंह ताल ठोंक रहे हैं जबकि कांग्रेस ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को मैदान में उतारा है। वहीं सपा-बसपा ने पूनम सिन्हा को टिकट दिया है।
हालांकि राजनीतिक जानकर अब भी मान रहे हैं यहां से एक बार फिर कमल का फूल खिलेगा, यानी राजनाथ एक बार फिर मैदान मार सकते हैं। आचार्य प्रमोद कृष्णम के आने से थोड़ा मुकाबला रोचक हो गया है। इसके साथ ही एक बार फिर लखनऊ के मुस्लिम मतदाताओं पर नजर है।
उधर लखनऊ के शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद, मौलाना हबीब हैदर व सूफी अजमत निजामी ने पांचवे चरण के प्रचार के अंतिम दिन बीजेपी को समर्थन देने की बात कही है। उनके इस कदम के बाद पुराने लखनऊ खास कर शिया इलाकों में एकाएक हलचल बढ़ गई है। कुछ लोग शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद की बात मानने को तैयार है लेकिन ऐसे भी लोग है जो कल्बे जव्वाद के बयान से इस्तेफाक नहीं रखते हैं।
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मौलाना कल्बे जव्वाद ने क्या कहा था
बता दें कि मौलाना कल्बे जव्वाद ने राजधानी में एक होटल में पत्रकारवार्ता कर कहा कि हमारा समर्थन भाजपा को नहीं है, हम किसी पार्टी का समर्थन नहीं कर रहे हैं। हम व्यक्ति विशेष का समर्थन कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि संसद में अच्छे व्यक्ति पहुंचे। राजनाथ सिंह ऐसे व्यक्ति हैं जो कभी किसी के लिए गलत नहीं बोलते। उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह ने आज तक ऐसी कोई बात नहीं की, जिससे समाज बंटा हो। देश व कौम के विकास के लिए किसी ऐसे उम्मीदवार को समर्थन देना चाहिए जो व्यक्तित्व का धनी हो और जिसने बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गों के विकास के लिए काम किया हो। उन्होंने कहा कि हम सभी उलेमा व सूफी मशाएख लखनऊ लोकसभा सीट से राजनाथ सिंह के जीत की दुआ करते हैं।
बयान के बाद बढ़ गई नाराजगी
शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद को लेकर पुराने लखनऊ में नाराजगी बढ़ती जा रही है। उधर स्थानिय लोगों का मानना है कि शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद को इस तरह का कोई बयान नहीं देना चाहिए था, वो भी चुनाव के ठीक एक दिन पहले। कुछ लोगों को मानना है कि कल्बे जव्वाद एक बात पर कायम नहीं रहते हैं। ऐलान से कुछ दिन पूर्व उन्होंने कहा कि वोट सोच समझकर डाले और किसी के समर्थन करने की बात भी नहीं की थी। अब इस नये ऐलान से कौम में गलत मैसेज जा रहा है। ‘
लखनऊ और वहां के वाशिंदों खासकर मुसलामानों के मन में धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद के प्रति काफी आदर है लेकिन उनके इस बयान से यहां पर एकाएक ऊहापोह की स्थिति बन गई है। पुराने लखनऊ के एक जिम्मेदार व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए था। उनके इस बयान से बीजेपी को भारी नुकसान भी हो सकता है। ऐसे में अब एकतरफा वोट पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम वोट या तो कांग्रेस को जा सकता है या फिर महागठबंधन को।
वोट के खेल में अभी कहना जल्लदीबाजी होगा
उधर एक और शख्स नेबताया कि शिया समुदाय जरूरी नहीं है कि मौलाना कल्बे जव्वाद की बात को माने। पूरा संप्रदाय बीजेपी को समर्थन नहीं करता है। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि राजनाथ ने शियाओं के कुछ खास काम नहीं किया है। ऐसे में इस बार उनको वोट देकर कोई फायदा नहीं है। दूसरी ओर आचार्य प्रमोद कृष्णम शिया और सुन्नी दोनों में लोकप्रिय है। अली और मोहम्मद को मानते हैं। ऐसे में उनके तरफ हवा चल सकती है।