जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) की पहल पर चल रही राष्ट्रीय सांस्कृतिक यात्रा “ढाई आखर प्रेम” 12 मई की शाम लखनऊ पहुँची. यह यात्रा नौ अप्रैल को राहुल सांकृत्यायन के जन्मदिन पर रायपुर से शुरू हुई थी और 22 मई को इंदौर पहुंचकर समाप्त होगी.
आयोजक मंडल की ओर से दीपक कबीर ने बताया कि उत्तर प्रदेश में यात्रा बनारस, गाजीपुर, आजमगढ़ और अयोध्या होते हुए लखनऊ पहुंची है.
यात्रा लखनऊ पहुंची तो शाम से ही शहर में उत्साह का माहौल था. शहर के प्रबुद्ध नागरिक, साहित्यकार, कलाकार इत्यादि सभी भारतेंदु नाट्य अकादमी में इकट्ठा हुए और राकेश वेदा के नेतृत्व में अयोध्या से आ रहे इस 25 से अधिक लोगों के दल का माला पहना कर स्वागत किया.
भारतेंदु नाट्य अकादमी में सभी साथियों ने मिलकर ने एक गीत गाया और इप्टा की ओर से जनगीत प्रस्तुत किया गया. इसके बाद यशपाल, उदय खत्री, नाईश हसन, प्रसन्ना, शंकर लाल कटियार को मीना, रूपरेखा वर्मा, सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ और वीरेन्द्र के हाथों सम्मानित किया गया.
यात्रा प्रतिनिधि मंडल की ओर से प्रकाश वेदा ने कुछ विचार और यात्रा के अनुभव साझा किए. इस मौके पर एक नाटक The Mocking Birds प्रस्तुत हुआ. ‘शिकार बाकी है’ इस नाटक को भारतेंदु कश्यप ने लिखा और निर्देशन किया. इस नाटक में पूजा, भार्गवी, महिमा, अभिजीत, अमन, श्रेष्ठ इत्यादि ने अपनी भूमिकाओं को शानदार ढंग से जिया. संगीत महेंद्र पाल का था और गीत लकी व अमन ने पेश किये. इस मौके पर प्रदीप ने हबीब जालिब की ग़ज़ल पेश की.
कैफ़ी आज़मी की राजनीतिक विरासत और उनके जीवन के कुछ क़िस्से शहर के जाने माने क़िस्सागो हिमांशु बाजपाई ने दास्तान ए कैफ़ी में सुनाये. दर्शकों ने इन सारे कार्यक्रमों को ख़ूब सराहा.
इससे पहले विरासत सप्ताह मनाते हुए दीपक कबीर, डॉ. रमेश दीक्षित, वंदना मिश्र, वीना राना, रूपरेखा वर्मा, विश्वास यादव, हसन उस्मानी ,शादाब, प्रभात त्रिपाठी आदि साथियों ने शहर के प्रमुख प्रेरणा स्थलों पर जा कर वहां की स्मृतियों को नमन किया और इन स्थलों की मिट्टी इकट्ठा की. इन स्थलों की मिट्टी देश भर में इकट्ठा की जा रही है. लखनऊ के ऐसे मुख्य क्षेत्रों में काकोरी स्मारक, यशपाल जी का घर, अमृत लाल नागर जी का घर, रेजीडेंसी, दुर्गा भाभी का स्कूल, क्रांतिकारी शिव वर्मा का शोध केन्द्र आदि.
भारतेंदु नाट्य अकादमी में 12 मई की शाम को हुए आयोजन में इप्टा, साझी दुनिया, दस्तक मंच, अर्थ, अमिट, नीपा के साथ प्रलेस, जलेस, दलेस, जन सांस्कृतिक मंच, जन नाट्य मंच आदि शामिल हैं. अब यह यात्रा आगे उन्नाव होते हुए कानपुर की तरफ बढ़ेगी. इसे 22 मई को इंदौर पहुंचना है.
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