न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम को मंजूरी दे दी है। इसके बाद 1994 बैच IPS के सुजीत पांडेय को लखनऊ का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है। वहीं आलोक सिंह को नोएडा का पुलिस कमिश्नर बनाया गया है।
बताते चलें कि सुजीत पाण्डेय को पुलिस कमिश्नर बनाने के साथ ही नवीन आरोड़ा को ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर (लॉ एंड आर्डर) और नीलाब्जा चौधरी को ज्वाइंट कमिश्नर (क्राइम) बनाया गया है। वहीं गौतमबुद्धनगर (नोएडा) में भी आलोक सिंह को पुलिस कमिश्नर बनाने के साथ ही अखिलेश कुमार को ज्वांइन कमिश्नर (लॉ एंड आर्डर) और श्रीपर्णा गांगुली को ज्वाइंट कमिश्नर (क्राइम) बनाया गया है।
इसके अलावा प्रवीण कुमार को आईजी मेरठ रेंज बनाया गया है। वहीं, जेएन सिंह को एडीजी जोन कानपुर बनाया गया है। प्रेम प्रकाश को एडीजी जोन प्रयागराज बनाया गया है। लव कुमार को डीआईजी गोरखपुर बनाया गया है। असीम कुमार अरुण को एडीजी यूपी-112 बनाया गया है। संदीप सालुंके को एडीजी तकनीकी सेवाएं बनाया गया है।
कौन हैं सुजीत पांडेय
मूल रुप से भागलपुर (बिहार) के रहने वाले सुजीत पांडेय 1994 बैच के आईपीएस हैं। इनके पिता बिहार कैडर में आईएएस ऑफिसर रह चुके हैं। सुजीत पांडेय सीबीआई में सात साल तैनात रहे हैं। इन्होंने बॉम्बे ब्लास्ट, नंदी ग्राम समेत अन्य कई बड़े बम ब्लास्ट मामलों पर काम किया है।
डीजीपी के हैं खास
वहीं यूपी में 12 से अधिक जिलों की कमान संभाली है। सुजीत पांडेय आईजी एसटीएफ की चार्ज भी संभाल चुके हैं। कुछ जानकारों के मुताबिक पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह के समय में कुछ अंदरूनी विवाद के चलते आईपीएस सुजीत पांडेय को साइड लाइन कर दिया गया था। वहीं उन्हें आईजी टेलीकॉम का जिम्मेदारी सौंप दी गई थी। हालांकि डीजीपी ओपी सिंह ने रिपोर्ट कार्ड को देखते हुए लखनऊ आईजी के तौर पर उनकी वापसी कराई है।
लखनऊ और नोएडा में कमिश्नरी प्रणाली लागू कराने के पीछे डीजीपी ओपी सिंह का अहम योगदान बताया जा रहा है। अब जब इन दोनों बड़े जिलों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू हो गया है तो इसमें पुलिस वालों को ढलने में थोड़ा वक्त लगेगा ऐसे में डीजीपी ओपी सिंह का सेवा विस्तार अहम हो सकता है।
30 जनवरी को रिटायर होने के बाद डीजीपी ओपी सिंह चीफ इनफॉरमेशन कमिश्नर पद के इच्छुक हैं लेकिन इन दिनों सूत्रों से यह चर्चा तेज हो चुकी है कि उन्हें सेवा विस्तार दिया जा सकता है।
बता दें, 31 जनवरी को डीजीपी का कार्यकाल खत्म हो रहा है। उत्तर प्रदेश में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू करने के लिए ओपी सिंह ने एड़ी-चोटी एक कर दी है। इसे लागू करने का श्रेय सीधे-सीधे ओपी सिंह को जाता है क्योंकि आईएएस लॉबी उत्तर प्रदेश में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू करने के पक्ष में नहीं थी।