जुबिली न्यूज़ डेस्क
यात्री सुविधाओं से लेकर राजस्व तक में मुकाम हासिल करने वाला लखनऊ का चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट आज से निजी हाथों में चला गया। अब इस एयरपोर्ट के विकास, प्रबंधन और वित्तीय मामलों सहित पूरे कामकाज अडाणी ग्रुप ने संभाल लिया है। इसको लेकर सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। अडाणी समूह को 50 सालों के लिए एयरपोर्ट की कमान सौंपी गई है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस मामले पर निशाना साधते हुए कहा भाजपा का जनता को दीवाली का गिफ्ट : भयंकर महंगाई भाजपा का अपने पूंजीपति मित्र को दीवाली गिफ्ट : 6 एयरपोर्ट पूजीपतियों का साथ, पूंजीपतियों का विकास।
भाजपा का जनता को दीवाली का गिफ्ट : भयंकर महंगाई
भाजपा का अपने पूंजीपति मित्र को दीवाली गिफ्ट : 6 एयरपोर्ट
पूजीपतियों का साथ, पूंजीपतियों का विकास।https://t.co/lhzwCJhwSf
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 2, 2020
अडाणी ग्रुप आज से इस पूरे एयरपोर्ट का कामकाज देखेगा। लेकिन अभी तीन साल तक वह एयरपोर्ट प्रशासन के साथ मिलकर काम करेगा। एयरपोर्ट निदेशक को छोड़कर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के 124 एक्जीक्यूटिव और नॉन एक्जीक्यूटिव अधिकारी व कर्मचारी पहले की तरह ही काम करेंगे, लेकिन निर्देशन अडाणी ग्रुप के अधिकारियों का रहेगा।
गौरतलब है कि इस एयरपोर्ट का निर्माण साल 1986 में किया गया था। उस समय ये केवल सरकारी और खास उद्योगपतियों के इस्तेमाल के लिए ही था, जबकि 17 जुलाई 2008 को इस एयरपोर्ट को यात्रियों के लिए शुरू किया गया।
फिर मई 2012 में लखनऊ एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का दर्जा मिल गया। आज इस एयरपोर्ट से लगभग 160 से अधिक विमानों का संचालन होता है और 55 लाख से अधिक यात्री सालाना सफर करते है।
सुरक्षा व्यवस्था सीआईएसएफ के ही हाथों में
एयरपोर्ट के लिए अडानी ग्रुप के साथ जो करार किया गया है, उसमें शुरुआती 3 साल तक अडानी समूह के अधिकारी एयरपोर्ट प्रशासन के साथ काम करेंगे। सुरक्षा व्यवस्था की कमान पहले की ही तरह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी सीआईएसएफ के जवान ही संभालेंगे। फायर फाइटिंग सिस्टम और इंजीनियरिंग सेवाएं भी समूह के अधिकारी संभालेंगे।
नहीं बढेगा कोई शुल्क
फिलहाल एयरपोर्ट पर किसी भी सुविधा का शुल्क नहीं बढ़ाया गया है। वहीं, दिल्ली एयरपोर्ट की तर्ज पर यहां भी सुविधाएं बढ़ाने की तैयारी है। इसमें यात्रियों के बैठने से लेकर एसी लाउंज को बेहतर बनाने का काम किया जाएगा। पिक एंड ड्रॉप व्यवस्था को भी शुरू किया जाएगा, जोकि निशुल्क होगा ।
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लखनऊ एयरपोर्ट के पूर्व निदेशक एससी होता को अडानी लखनऊ इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड का सीईओ बनाया गया हैं। मौजूदा वक्त में एयरपोर्ट ऑथारिटी के 300 कर्मचारी लखनऊ एयरपोर्ट पर काम कर रहे हैं। इनमें ऑपरेशन के अधिकांश कर्मचारी एटीसी और नेवीगेशन में काम कर रहे हैं, जबकि कामर्शियल के कर्मचारी अडानी ग्रुप के साथ दो साल काम करेंगे।
लगाई दूसरी सबसे बड़ी बोली
बता दें कि इस एयरपोर्ट के लिए 6 कंपनियों ने बोली लगाई थी। इसमें प्रति यात्री शुल्क के आधार पर अडानी ग्रुप ने 171 और एएमपी कैपिटल ने 139 रुपए की बोली लगाई थी। यह अहमदाबाद के 177 रुपए प्रति यात्री के बाद किसी एयरपोर्ट के लिए अडानी ग्रुप की सबसे बड़ी बोली थी। इसके बाद अडानी ग्रुप ने इस बिड को अपने नाम किया था।
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फ़िलहाल एयरपोर्ट का नाम नहीं बदला जाएगा, लेकिन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की जगह अडानी ग्रुप का नाम प्रयोग में लिया जाएगा। एयरपोर्ट का रंग रोगन अडानी ग्रुप अपने अनुसार करवाएगा।
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अडानी ग्रुप पीपीपी मॉडल के तहत एयरपोर्ट की व्यवस्था को लेकर अपना प्लान तैयार करेगा। साथ ही यात्रियों की सुविधाओं में क्या कमी है इसका असर अगले 3 महीने में देखने में मिलेगा। इसके साथ ही एयरपोर्ट के आउटसाइड में दो कैंटीन खोले जाने का भी प्लान किया गया है।