नई दिल्ली। निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंकों में शुमार आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने लुक आउट नोटिस जारी कर दिया है। सीबीआई ने चंदा के पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के एमडी वेणुगोपाल धूत के खिलाफ भी इस तरह के नोटिस को जारी किया है।
इन तीनों के खिलाफ सीबीआई ने पिछले महीने 1875 करोड़ के भ्रष्टाचार के आरोप में केस दर्ज किया था। चंदा के कार्यकाल के दौरान वीडियोकॉन को 2009-11 के बीच छह बार लोन दिया गया था। सीबीआई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी इस मामले में जांच कर रही है।
चंदा कोचर की बढ़ी मुश्किलें, पति और वेणुगोपाल धूत भी शामिल
सीबीआई द्वारा इस लुकआउट नोटिस जारी करने के बाद तीनों लोग देश छोड़कर बाहर नहीं भाग पाएंगे। इस नोटिस के बाद एयरपोर्ट पर इनको रोक लिया जाएगा। लुक आउट नोटिस ऐसे लोगों के खिलाफ जारी किया जाता है, जिन्होंने किसी तरह का आर्थिक अपराध किया हो।
ईडी को कोचर दंपत्ति द्वारा खरीदी गई संपत्तियों की जांच करनी है, जिसमें दक्षिण मुंबई स्थित उनके द्वारा खरीदा गया एक अपार्टमेंट भी शामिल है। ईडी ने कहा है कि कोचर दंपत्तियों पैसों की हेराफेरी करने के लिए कई सारी कंपनियों को बनाया, जिसके जरिए वीडियोकॉन समूह को पैसा भेजा गया था। इस मामले में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज से भी बात की जाएगी।
वापस करना होगा बोनस का पैसा
आईसीआईसीआई बैंक ने चंदा कोचर को कदाचार का दोषी पाया है। 9 साल की नौकरी में चंदा ने बैंकिंग क्षेत्र में बड़ा नाम कमाया, लेकिन अब बैंक ने 2009 से मिले बोनस से लेकर के भविष्य में मिलने वाली कई सुविधाओं को वापस ले लिया है। अब जस्टिस बी.एन श्रीकृष्णा की रिपोर्ट जारी होने के बाद बैंक ने कड़ा कदम उठाते हुए उनको मिलने वाली सारी सुविधाओं को वापस ले लिया है।
ऐसे पहुंची शून्य से शिखर तक
चंदा कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक में 1984 में मैनेजमेंट ट्रेनी नौकरी शुरू की थी। 2009 में उनको बैंक का सीईओ नियुक्त किया गया था। देश के किसी बैंक की पहली महिला सीईओ बनने वाली चंदा राजस्थान के जोधपुर से हैं। 2009 में 48 साल की चंदा किसी बैंक की सबसे युवा सीईओ थीं।
वीडियोकॉन विवाद से छवि हुई धूमिल
वीडियोकॉन विवाद में नाम आने के बाद चंदा कोचर की छवि धूमिल हो गई। इसके बाद सीबीआई ने दर्ज किया केस। 2011 में राष्ट्रपति के हाथों देश का दूसरा सबसे बड़ा राष्ट्रीय सम्मान पद्मभूषण दिया गया। फोर्ब्स और फार्च्यून पत्रिकाओं द्वारा विश्व की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में कई सालों तक शामिल होती रही हैं। उनके नेतृत्व में ही आईसीआईसीआई बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा निजी बैंक बना। इसके बाद उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में किया बड़ा घोटाला।