न्यूज डेस्क
लोक सभा 2019 का चुनावी महासंग्राम खत्म हो गया है। साथ ही विभिन्न एजेंसियों ने अपना-अपना एग्जिट पोल जारी कर दिया है। इनके मुताबिक केंद्र में पहले पूर्ण बहुमत वाली मोदी सरकार की सत्ता में फिर वापसी हो रही है।
बीजेपी के नारे ‘आएगा तो मोदी ही’ और ‘फिर एक बार मोदी सरकार’ पर मतदाताओं ने भरोसा जताया है। एग्जिट पोल में साफ दिख रहा है कि एनडीए जोरदार वापसी कर रही है। वहीं, यूपीए की स्थिति कमोबेश पिछले लोक सभा जैसी ही दिखाई जा रही है। लेकिन एक बड़ा सवाल यह है कि क्या एग्जिट पोल हमेशा सही होते हैं?
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लोकसभा चुनाव की मतगणना 23 मई को होगी, लेकिन अलग-अलग एजेंसियों के एग्जिट पोल आते ही राजनीतिक बहस का नया दौर शुरू हो गया। ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जैसे वास्तविक परिणाम भी ऐसे ही होंगे।
हालांकि, बीते कुछ प्रमुख चुनावों के दौरान विभिन्न एजेंसियों द्वारा जारी एग्जिट पोल की बात की जाए तो यह तथ्य सामने आया कि चुनाव के विजेता रहने वाले दल को लेकर कई बार एग्जिट पोल गलत भी साबित हुए हैं।
15 साल के आंकड़े देखें ता पहले भी एग्जिट पोल के अधिकांश आकलन सटीक नहीं रहें हैं। अनुमानों को वास्तविक परिणाम से तुलना करें तो सीटों का अंतर 45 से 126 तक रहा। अपवाद रहने वाली एजेंसियां हर बार नई होती हैं, इसलिए पिछली बार जिसका अनुमान वास्तविकता के करीब था, उसका प्रदर्शन अगले चुनाव में भी इतना खरा हो, कहा नहीं जा सकता।
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2014 लोकसभा चुनाव
भारत में चुनाव नतीजों को लेकर पहले से कोई संभावना जताना बहुत मुश्किल होता है। 2004 में एग्जिट पोल में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) की जीत बताई गई थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं था। 2014 के चुनाव में सभी को अनुमान था कि बीजेपी अच्छा प्रदर्शन करेगी, लेकिन केवल दो ही एजेंसियों के आंकड़े सटीक रहे।
सर्वे एजेंसी यूपीए एनडीए अन्य
इंडिया टीवी सी वोटर 107 289 147
एबीपी न्यूज नीलसन 97 281 165
टाइम्स नाओ ओआरजी 148 249 146
सीएनएन आइबीएन लोकनीति 97 276 155
न्यूज24 चाणक्य 70 340 133
औसत 104 210 149
परिणाम 60 336 147
अनुमान से अंतर -44 +126 -2
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2009 लोकसभा चुनाव
2009 में भी एजेंसियों के दावे फेल साबित हुए। इस चुनाव में यूपीए को 199 और एनडीए को 197 सीटें मिलने के कयास लगाए गए थे लेकिन यूपीए ने 262 सीटें हासिल की थीं। वहीं एनडीए 159 सीटों पर सिमटकर रह गई थी। यूपीए ने जितनी सीटें पाईं, उसका अनुमान कोई सर्वे एजेंसी नहीं कर सकी। दूसरी ओर बीजेपी के बारे में अधिकांश एग्जिट पोल का आकलन काफी बढ़ा-चढ़ा कर रहा।
सर्वे एजेंसी यूपीए एनडीए अन्य
सीएनएन आईबीएन 185 175 150
स्टार नीलसन 199 196 136
इंडिया टीवी सी वोटर 195 189 113
औसत 193 189 133
परिणाम 262 159 79
अनुमान से अंतर +69 -30 -54
2004 लोकसभा चुनाव
2004 में एग्जिट पोल पूरी तरह से फेल साबित हुए। एजेंसियों ने दावा किया था कि कांग्रेस की वापसी नहीं हो रही। सभी ने इंडिया शायनिंग के नारे के साथ अटल सरकार को बहुमत मिलता दिखाया था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। रिजल्ट के दिन एनडीए को 200 सीट भी नहीं मिल सकीं। इसके बाद कांग्रेस ने एसपी और बीएसपी के साथ मिलकर केंद्र में सरकार बनाई। 15 साल पहले एनडीए के सत्ता से बाहर जाने का अनुमान भी कोई नहीं लगा पाया था। वहीं तीसरे धड़े के मजबूत प्रदर्शन का आकलन सभी ने गलत किया, जिसका परिणाम एग्जिट पोल गलत साबित होने के रूप में सामने आया।
सर्वे एजेंसी एनडीए कांग्रेस+ अन्य
आज तक ओआरजी मार्ग 248 190 105
एनडीटीवी एसी नीलसन 240 200 110
सहारा डीआरएस 270 175 96
स्टार न्यूज सी वोटर 270 170 90
औसत 257 194 100
परिणाम 187 219 137
अनुमान से अंतर -70 +25 +37
2017 यूपी विधानसभा चुनाव
यूपी में 2017 के विधानसभा चुनाव में भी एग्जिट पोल में भाजपा को मिली सीटों का अनुमान किसी को नहीं हुआ। भाजपा ने अनुमान के औसत से 116 सीटें अधिक हासिल की।
सर्वे एजेंसी भाजपा सपा-कांग्रेस बसपा
इंडिया टुडे एक्सिस 265 35 35
सी वोटर 161 141 87
एबीपी सीएसडीएस 170 163 67
न्यूज एक्स एमआरसी 185 120 90
टुडेज चाणक्य 285 88 27
औसत 209 112 61
परिणाम 325 19 47
अनुमान से अंतर +116 -93 -20
इसी तरह 1999 में हुए चनाव में अधिकतर एग्जिट पोल ने एनडीए की बड़ी जीत दिखाइ थी। उन्होंने एनडीए को 315 से ज्यादा सीट दीं थीं लेकिन एनडीए 296 सीटें ही जीत सकी थी।
छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव 2018 में हुआ बुरा हाल
2018 में हुए छत्तीसगढ़ में हुए विधान सभा चुनाव में एग्जिट पोल में बीजेपी को औसतन 40 सीटें और कांग्रेस को 46 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था, पर नतीजे हैरान करने वाले आए। बीजेपी महज 15 सीटें और कांग्रेस ने 68 सीटों पर जीत दर्ज की।
जब केजरीवाल ने फेल किए सारे एग्जिट पोल
2015 में हुए विधान सभा चुनाव के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी (AAP) को 31 से लेकर 53 सीटें तक मिलने का अनुमान जाहिर किया गया था। बीजेपी को 17-35 सीटें दी थीं, जबकि नतीजों में आम आदमी पार्टी को 70 में से 67 सीटें मिलीं। बीजेपी को सिर्फ 3 सीटें और कांग्रेस का सफाया हो गया था।