न्यूज़ डेस्क
लोकसभा चुनाव के एलान के साथ ही नेताओ की जुबान बेलगाम हो गयी है। सीएम योगी से लेकर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी तक सब की शिकायत चुनाव आयोग तक पहुँच रही है। इस बात को गम्भीर मानते हुए आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को कड़े शब्दों में हिदायत दी है, जिसे न मानने पर आयोग सख्त कार्रवाई कर सकता है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भारतीय सेना को ‘मोदीजी की सेना’ कहे जाने और हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की न्यूनतम आय योजना (न्याय) पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार की टिप्पणी जैसे चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामलों को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने एक बार फिर राजनीतिक दलों, उनके नेताओं और उम्मीदवारों के लिए हिदायतनामा जारी किया है, जिसकी तहत–
चुनाव आयोग का हिदायतनामा
- कोई भी नेता या प्रत्याशी जाति, धर्म या आस्था के नाम पर वोट या समर्थन नहीं मांगेगा।
- जाति धर्म को लेकर नफरत फैलाने वाले बयान नहीं देगा।
- उम्मीदवार, नेता या कार्यकर्ता के निजी जीवन को चुनावी राजनीति में नहीं घसीटेगा. जब तक उस विवाद का चुनाव से लेना देना ना हो।
- नेता एक दूसरे के परिजनों, विपक्षी नेता, कार्यकर्ता के खिलाफ अपुष्ट आरोप नहीं लगाएगा।
- एकत्रीकरण , भाषण या चुनावी सभा के लिए मन्दिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा, समाधि या दरगाह जैसे धार्मिक स्थल या परिसर का इस्तेमाल नहीं करना होगा।
- सेना, अर्धसैनिक बल से जुड़े प्रतीक, नारों या तस्वीरों का इस्तेमाल किसी भी रूप में चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकेगा।
- पहले भी आयोग ऐसी हिदायतें दे चुका है, लेकिन जिस तरह से नेता बर्ताव कर रहे हैं उसे देखते हुए एकबार फिर निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को हिदायतनामा जारी किया है।