जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। चिराग पासवान के खिलाफ उनके चाचा ने ही बगावत का झंडा बुलंद कर दिया है। लोक जनशक्ति पार्टी के पांचों बागी सांसदों ने मिलकर चिराग को पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया है। इसके बाद चाचा को मनाने के लिए चिराग पासवान उनके घर पर गए लेकिन वहां पर बात नहीं बनी।
उधर लोक जनशक्ति पार्टी में अपनी पकड़ बनाने के लिए पशुपति पारस ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। अब खबर आ रही है कि पशुपति पारस को लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय दल के नेता भी चुन लिया है।
मीडिया रिपोट्र्स की माने तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को रात-रात होते उन्हें मान्यता दे डाली है। न्यूज-18 की खबर की माने तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार की रात को एलजेपी सांसदों को मांग की मान लिया है और पशुपति को लोकजन शक्ति पाटी के संसदीय दल के नेता के रूप में मान्यता दे डाली है।
बता दें कि पहले चिराग पासवन संसदीय दल के नेता हुआ करते थे। बता दें कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनके चाचा पशुपति पारस पासवान को पार्टी का नया नेता चुना गया था। बागी सांसदों ने चिराग को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष मानने से भी इनकार कर दिया है।
रविवार को लोजपा के पांच सांसदों ने बगावत कर दी थी। बताया जा रहा था कि चिराग पासवान से नाराज इन सांसदों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखा था।
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पत्र में उन्होंने अपने गुट को अलग मान्यता देने की मांग की थी। इन सांसदों ने चिराग के चाचा पशुपति पारस को ही अपना नेता बनाया है। कहा जा रहा था कि अलग गुट बनाकर ये सांसद जदयू के पाले में जा सकते हैं।
बगावत करने वाले सांसदों में चिराग पासवान के चाचा पशपति पारस पासवान के अलावा उनके चचेरे भाई प्रिंस राज, चंदन सिंह , महबूब अली केशर और वीणा देवी शामिल हैं।
लेकिन सोमवार की सुबह खबर आई कि पांचों बागी सांसदों ने अलग गुट की बनाने की बजाए संसदीय दल के नेता पद से चिराग पासवान को हटाकर उनके चाचा पशुपति पारस को नया नेता बनाने का रास्ता चुना है।
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दरअसल बागी सांसदों ने चिराग को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष मानने से भी इनकार कर दिया। उन्होंने पशुपति पारस को नया नेता बताया है।
लोजपा के बागी सांसद अब नई पार्टी बनाने की बजाए लोजपा में ही नेतृत्व परिवर्तन की कोशिश कर रहे हैं।