जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में खास हलचल देखी जा रही है। नीतीश कुमार ने जब से लालू से नाता तोड़ा तब से वहां पर महा गठबंधन में एक राय देखने को नहीं मिल रही है।
इतना ही नहीं सीट शेयरिंग को लेकर किसी तरह से बात बनी है लेकिन इस वजह से बिहार में कांग्रेस को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इसके साथ ही लालू ने अपनी शर्तों पर कांग्रेस को कुछ सीटे ऑफर कर दी। इसका नतीजा ये हुआ कि कांग्रेस के हाथ से कई सीटे निकल गई जिसको लेकर वो पहले से ज्याद विश्वास में थी। बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और राजद के बीच सहमति बन गई है लेकिन लालू के जाल में कांग्रेस फंस गई और उसके पास कोई तोड़ नहीं है। पूर्णिया सीट भी लालू ने अपने खाते में ली और पप्पू यादव को बड़ा नुकसान पहुंचा डाला।
बात यहीं पर खत्म नहीं हुई पप्पू यादव ने पूर्णिया के अलावा जिस सुपौल सीट पर दावा कर रहे थे उस सीट को लालू ने अपने पास रखी है। वहीं बेगूसराय सीट कांग्रेस के हाथ निकलती हुई नजर आ रही है।
इस वजह कन्हैया कुमार को नुकसान उठाना पड़ सकता है। माना जा रहा है कि कन्हैया कुमार इस सीट से चुनाव लडऩे की सोच रहे थे। कांग्रेस को सिर्फ नौ सीटे मिली है और लालू यादव लगातार अपने हिसाब से कांग्रेस को सीट दे रहे हैं। इस वजह बिहार कांग्रेस में काफी निराशा और गुस्सा भी है।
सीपीआई को लालू की तरफ से ज्यादा सीट नहीं दी गई है। कुल मिलाकर लालू यादव बिहार में अपने हिसाब से सबकुछ तय कर रहे हैं। नीतीश के जाने के बाद सीट शेयरिंग का फॉमूर्ला और उलझता हुआ नजर आ रहा है लेकिन अब ये देखना होगा कि इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव में इसका नुकसान कितना उठाना पड़ता है।