Tuesday - 5 November 2024 - 6:35 AM

चौथा चरण बीजेपी के लिए क्यों है अहम

न्‍यूज डेस्‍क 

लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में देश 9 राज्यों की 71 सीटों पर वोटिंग शुरू हो चुकी है। इस दौरान उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर,खीरी, हरदोई, मिश्रिख, उन्नाव, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, कानपुर, अकबरपुर, जालौन, झांसी और हमीरपुर में मतदान हो रहे हैं।

दरअसल, चौथे चरण में यूपी के जिन 13 लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहे हैं, उनमें से 12 सीटों पर बीजेपी का कब्‍जा है, लेकिन इस बार बीजेपी की राह काफी मुश्किल नजर आ रही है। इसकी बड़ी वजह अखिलेश और मायावती का गठबंधन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी हैं। इस बात का अंदाजा बीजेपी राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी को भी है।

यूपी की इन 13 सीटों में से ज्यादातर सीटों पर बीजेपी और सपा-बसपा के बीच सीधी लड़ाई है। वहीं, कुछ सीटें ऐसी भी हैं, जहां कांग्रेस भी कड़ी चुनौती देकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना रही है।

कन्नौज लोकसभा सीट

कन्‍नौज लोकसभा सीट से यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्‍नी डिंपल यादव सांसद हैं और महागठबंधन की तरफ से प्रत्‍याशी हैं। उनके खिलाफ बीजेपी के सुब्रत पाठक मैदान में हैं। यहां डिंपल यादव का पलड़ा भारी है। 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां डिंपल यादव ने सुब्रत पाठक को 19907 वोटों से हराया था। उस चुनाव में सपा-बसपा के कुल वोट (616949) बीजेपी के वोटों (469257) से ज्यादा थे।

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जालौन लोकसभा सीट

जालौन लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इस सीट पर बीजेपी के भानू प्रताप वर्मा, कांग्रेस के बृजलाल खाबरी और गठबंधन से बीएसपी के अजय सिंह पंकज के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। पिछले लोकसभा चुनाव में यहां भानू प्रताप वर्मा ने बीएसपी के टिकट पर उतरे बृजलाल खाबरी को 287202 वोटों से हराया था। इतना ही नहीं, उस चुनाव में बीजेपी को सपा-बसपा के कुल वोटों (442350) से ज्यादा वोट (548631) मिले थे।

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झांसी लोकसभा सीट

झांसी लोकसभा सीट पर मुख्य रूप से बीजेपी के अनुराग शर्मा और एसपी के श्याम सुंदर यादव के बीच मुकाबला है। इस सीट पर कांग्रेस के शिवशरण कुशवाहा भी इन दोनों के सामने चुनावी मैदान में हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी की उमा भारती ने एसपी के चंद्रपाल सिंह यादव को 190529 वोटों से मात दी थी। हालांकि उस दौरान सपा-बसपा के कुल वोट (599214) बीजेपी के वोटों (575889) से ज्यादा थे।

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हमीरपुर लोकसभा सीट

इस सीट पर बीजेपी के पुष्पेंद्र सिंह चंदेल, बसपा के दिलीप सिंह और कांग्रेस के प्रीतम सिंह लोधी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने एसपी के बिशंभर प्रसाद निषाद को 266788 वोटों से हराया था। उस दौरान बीजेपी को सपा-बसपा के कुल वोटों (363452) से ज्यादा वोट (453884) मिले थे।

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अकबरपुर लोकसभा सीट

यहां का मुकाबला बीजेपी के देवेंद्र सिंह भोले, बसपा की निशा सचान और कांग्रेस के राजाराम पाल के बीच है। पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर देवेंद्र सिंह भोले ने बसपा के अनिल शुक्ला वारसी को 278997 वोटों से हराया था। उस चुनाव में बीजेपी को सपा-बसपा के कुल वोटों (349589) से ज्यादा वोट (481584) मिले थे।

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कानपुर लोकसभा सीट

इस सीट की चुनावी लड़ाई मुख्य तौर पर बीजेपी के सत्यदेव पचौरी और कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल के बीच है। इसके अलावा यहां एसपी के रामकुमार निषाद भी चुनावी मैदान में हैं 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने श्रीप्रकाश जायसवाल को 222946 वोटों से हराया था। इतना हीं नहीं, बीजेपी के वोट (474712) एसपी-बीएसपी के कुल वोटों (78941) से काफी ज्यादा थे।

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इटावा लोकसभा सीट

अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट का मुकाबला मुख्य रूप से बीजेपी के रामशंकर कठेरिया और एसपी के कमलेश कठेरिया के बीच है। कांग्रेस ने इस सीट पर अशोक कुमार दोहरे को अपना उम्मीदवार बनाया है। पिछले लोकसभा चुनाव में यहां बीजेपी के टिकट पर अशोक कुमार दोहरे ने एसपी के प्रेमदास कठेरिया को 172946 वोटों से हराया था। हालांकि उस चुनाव में बीजेपी के वोट (439646) सपा-बसपा के कुल वोटों (459504) से कम थे।

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खीरी लोकसभा सीट

खीरी लोकसभा सीट पर बीजेपी के अजय कुमार, एसपी की पूर्वी वर्मा और कांग्रेस के जफर अली नकवी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां अजय कुमार ने बीएसपी के अरविंद गिरी को 110274 वोटों से हराया था। उस चुनाव में इस सीट पर एसपी-बीएसपी के कुल वोट (448416) बीजेपी को मिले वोटों (398578) से ज्यादा थे।

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फर्रुखाबाद लोकसभा सीट

फर्रुखाबाद  लोकसभा सीट का मुकाबला बीजेपी के मुकेश राजपूत, कांग्रेस के सलमान खुर्शीद और बसपा के मनोज अग्रवाल के बीच है। पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर मुकेश राजपूत ने सपा के रामेश्वर सिंह यादव को 150502 वोटों से मात दी थी। उस चुनाव में बीजेपी को एसपी-बीएसपी के कुल वोटों (370214) से ज्यादा वोट (406195) मिले थे।

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उन्नाव लोकसभा सीट

उन्नाव लोकसभा सीट पर बीजेपी के साक्षी महाराज, सपा के अरुण शंकर शुक्ल और कांग्रेस की अनु टंडन के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां साक्षी महाराज ने अरुण शंकर को 310173 वोटों से हराया था। इतना ही नहीं उस चुनाव यहां बीजेपी को सपा-बसपा के कुल वोटों (408837) से ज्यादा वोट (518834) मिले थे।

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शाहजहांपुर लोकसभा सीट

शाहजहांपुर लोकसभा सीट भी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इस सीट का मुकाबला मुख्य रूप से बीजेपी के अरुण कुमार सागर और गठबंधन से बसपा के अमर चंद्र जौहर के बीच है। कांग्रेस ने यहां से ब्रह्मस्वरूप सागर को अपना उम्मीदवार बनाया है। 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां बीजेपी की कृष्णा राज ने बसपा के उम्मेद सिंह को 235529 वोट से हराया था। उस चुनाव में सपा-बसपा को मिले कुल वोट (532516) बीजेपी के वोट (525132) से ज्यादा थे।

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हरदोई लोकसभा सीट

हरदोई लोकसभा सीट पर बीजेपी के जयप्रकाश रावत और सपा की ऊषा वर्मा के बीच सीधी लड़ाई है। इन दोनों के सामने कांग्रेस के वीरेंद्र वर्मा भी चुनावी मैदान में हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर 2014 में बीजेपी के अंशुल वर्मा ने बसपा के शिवप्रसाद वर्मा को 81343 वोटों से हराया था। लेकिन बीजेपी ने अंशुल वर्मा का टिकट काटकर उनकी जगह नरेश अग्रवाल के करीबी और पिछले लोकसभा चुनाव में मिश्रिख सीट से सपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव हारने वाले पूर्व सांसद जय प्रकाश रावत पर दांव लगाया है।

दरअसल हरदोई की सियासत में नरेश अग्रवाल की तूती बोलती है। यही वजह है बीजेपी ने उनके चहेते पर भरोसा जताया है, लेकिन सपा-बसपा के गठबंधन के चलते उषा वर्मा और जय प्रकाश रावत के बीच इस सीट पर कांटे का मुकाबला माना जा रहा है। 2014 में सपा-बसपा के कुल वोट (555701) बीजेपी के वोटों (360501) से काफी ज्यादा थे।

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मिश्रिख लोकसभा सीट

अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर बीजेपी के अशोक रावत, बीएसपी की नीलू सत्यार्थी और कांग्रेस की मंजरी राही एक-दूसरे के सामने चुनावी मैदान में हैं। यहां की चुनावी लड़ाई रावत और सत्यार्थी के बीच है। हरदोई की तरह मिश्रिख सीट पर भी नरेश अग्रवाल की चली। यहां भी बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद का टिकट काटकर बसपा से आए अशोक रावत पर भरोसा जताया है। ऐसे में अब नरेश अग्रवाल पर हरदोई और मिश्रिख दोनों सुरक्षित सीटों पर अपने करीबियों को जिताने की जिम्मेदारी है, लेकिन गठबंधन के चलते बदले सियासी समीकरण में बीजेपी के लिए ये सीटें बचाए रखना बड़ी चुनौती है।

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पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी की अंजू बाला ने बसपा के अशोक कुमार रावत को 87363 वोटों से हराया था। उस चुनाव में यहां बीजेपी के वोट (412575) एसपी-बीएसपी के कुल वोटों (519971) से कम थे।

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