स्पेशल डेस्क
लखनऊ। शिवपाल यादव फिरोजाबाद में अपनी जीत का दावा लगातार मजबूत कर रहे हैं। शिवपाल यादव ने भतीजे को हराने के लिए अपने परिवार तक को ताक पर रख दिया है। फिरोजाबाद श्रृंगार का शहर कहा जाता है। यह शहर रंग-बिरंगी चूडिय़ों के लिए पूरे देश में जाना जाता है लेकिन इन दिनों चाचा और भतीजे की रोचक जंग के लिए एका-एक सुर्खियों में आ गया है। आलम तो यह है कि रिश्तों के सियासी महाभारत में शिवपाल यादव आगे नजर आ रहे हैं। भाई-भाई और चाचा-भतीजा में जुब़ानी जंग भी तेज होती दिख रही है। आलम तो यह है कि शिवपाल यादव एक ओर रामगोपाल यादव को अपनी रडार पर रखते हैं तो दूसरी ओर अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोलते नजर आते हैं।
सियासी दांवपेंच और वर्चस्व की इस लड़ाई में प्रगितशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव अपने भतीजे अक्षय यादव को चुनौती दे रहे हैं। इस पूरे खेल में मुलायम यादव खामोश है। उन्होंने न तो शिवपाल यादव के बारे में कुछ कहा है और न ही अक्षय यादव को लेकर कुछ भी कहा हो।
फिरोजाबाद में जहां एक ओर चाचा और भतीजे जीत का दावा कर रहे हैं तो दूसरी ओर भाजपा के डॉ चंद्रसेन जादौन भी रेस में बने हुए है जबकि बशीर व राजवीर सिंह (निर्दलीय) और उपेंद्र सिंह राजपूत भारतीय किसान परिवर्तन पार्टी भी चुनावी दंगल में अपना दावा मजबूत कर रहे हैं। उधर शिवपाल यादव ने अपनी जीत के लिए सपा के कई नेताओं को अपने पक्ष में कर रखा है।
जातीय समीकरण के सहारे के नाम पर भी शिवपाल यादव अपने भतीजे को हराने का दम-खम रखते हैं। 2014 में शिवपाल यादव ने जीत दर्ज की थी लेकिन इस बार हालात बदले हुए है।
जो नेता अक्षय के साथ थे वो आज शिवपला यादव के साथ नजर आ रहे हैं।सिरसागंज से सपा विधायक हरिओम यादव,सदर में पकड़ रखने वाले पूर्व विधायक अजीम भाई इस बार शिवपाल यादव के साथ है। शिवपाल यादव हर जनसभा में अपमान की बात कही है और रामगोपाल यादव को भी निशाने पर ले रहे हैं।