स्पेशल डेस्क
मोदी की जीत के बाद उत्तर प्रदेश में सियासी माहौल एका-एक गरमा गया है। मोदी लहर में बुआ-बबुआ की भी नहीं चली। सपा-बसपा ने कभी सोचा नहीं था कि उसे इस तरह से पराजय का मुंह देखना पड़ेगा। अखिलेश और मायावती एक साथ आये थे लेकिन फायदे में बसपा रही क्योंकि पिछले चुनाव में एक सीट नहीं जीत सकती थी लेकिन इस चुनाव में उसने दस सीट पर परचम लहराया जबकि सपा इसकी तुलना में बेहद कम सीट जीतने में कामयाब रही।
दूसरी ओर सपा से किनारा कर चुके शिवपाल यादव भी इस चुनाव में चारों खाने चित हो गए। राजनीतिक जानकारों की माने तो इतना कुछ होने के बाद शायद शिवपाल यादव और अखिलेश एक साथ फिर नजर आ सकते हैं।
90 के दशक सपा पहली बार सामने आई थी। मुलायम ने इस पार्टी को बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी लेकिन अब हालात बदल गए है। सपा की सियासी जमीन अब पूरी तरह से खिसक चुकी है। ऐसे में मुलायम अपने बेटे के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं।
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शिवपाल यादव की नई पार्टी प्रसपा एक भी सीट जीतने में नाकाम साबित हुई थी। शिवपाल यादव ने यूपी एक भी प्रत्याशी एक लाख वोटों तक नहीं पाया। उधर इस हार के शिवपाल यादव दोबारा सपा में जा सकते हैं। ये खबर इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।
जानकारों की मानें तो इस हार के बाद शिवपाल यादव के पास कोई और विकल्प नहीं है। मुलायम फिर से सपा पर अपना वर्चस्व हासिल करना चाहते हैं। ऐसे में मुलायम को भी शिवपाल यादव की जरूरत है।
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शिवपाल यादव के चक्कर में सपा ने कन्नौज, बदायूं और फिरोजाबाद जैसी सीट गवां दी है। उधर शिवपाल यादव वापस आना चाहते हैं लकिन अखिलेश यादव इसके लिए तैयार नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक मुलायम ने कहा है कि शिवपाल यादव ही दोबारा सपा को जिंदा कर सकते हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि मुलायम के कहने पर दोनों पुरानी बातों को भूलकर एक हो जायेंगे। अब देखना होगा क्या शिवपाल यादव की इंट्री होती है या नहीं।