पॉलिटिकल डेस्क
बरेली उत्तरी भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के बरेली जिले में स्थित एक शहर है। यह उत्तर प्रदेश में आठवां सबसे बड़ा महानगर, और भारत का 50वां सबसे बड़ा शहर है। रामगंगा नदी के तट पर बसा यह शहर रोहिलखंड के ऐतिहासिक क्षेत्र की राजधानी भी रही है।
बरेली नगर रेलवे तथा सड़क मार्ग द्वारा देश के महत्वपूर्ण भागों से सम्बद्ध है। ये भारत की राजधानी नई दिल्ली से 265किलोमीटर है और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 256 किमी. है। इसके अलावा बरेली में एक विमान क्षेत्र है जोकि सैन्य हवाईअड्डा है। नाथ नगरी टर्मिनल का कार्य चल रहा है जो जल्द ही सार्वजनिक विमान क्षेत्र होगा।
बरेली जिले में 7 भगवान शिव के मंदिर हैं, इसलिए इस जिले को नाथ नगरी भी कहा जाता है। इन प्राचीन मंदिरों के नाम हैं- धोपेश्वर नाथ, मधि नाथ, अलख नाथ, तपेश्वर नाथ, बनखंडी नाथ, पशुपति नाथ और त्रिवती नाथ। यहां कई प्रसिद्ध मुस्लिम समाधियां हैं, जैसे, आला हजरत, शाह शराफत मियां और खानकाहे नियाजिया। अपनी जरी की कढ़ाई के लिए प्रसिद्ध बरेली जरी नगरी भी कहलाती है।
आबादी/ शिक्षा
बरेली 4,120 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इस जिले की जनसंख्या 4,465,344 है, जिसमें से 53 प्रतिशत पुरुष और 47 प्रतिशत महिलाएं हैं। वर्तमान में यहां मतदाताओं की कुल संख्या 1,664,081 है जिसमें महिला मतदाता 752,773 और पुरुष मतदाता की संख्या 911,264 है। यहां की साक्षरता दर 58.49 प्रतिशत है।
राजनीतिक घटनाक्रम
बरेली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधान सभा क्षेत्र आते हैं जिसमें बरेली, बरेली छावनी, भोजीपुरा, मीरगंज और नवाबगंज शामिल है। बरेली में सबसे पहले 1952 में लोकसभा चुनाव हुए जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सतीश चन्द्र बरेली की सीट पर जीत हासिल कर के यहां के पहले सांसद बने।
अगले चुनाव में भी इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा लेकिन अगले चुनाव में बरेली की जनता ने भारतीय जन संघ के ब्रिज राज सिंह को अपना मत देकर विजयी बनाया। अगले चुनाव में भी इस सीट पर भारतीय जन संघ का कब्जा रहा लेकिन 1971 में यह सीट कांग्रेस की झोली में चली गई।
1977 के आम चुनाव में भारतीय लोक दल के नेता राम मूर्ति ने जीत हासिल की। अगले चुनाव में इंदिरा गाँधी की पार्टी भारतीय राष्टï्रीय कांग्रेस ने बरेली में वापसी की। अगले लोक सभा चुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी को ही जीत मिली। 1989 में बरेली में भारतीय जनता पार्टी ने अपना खाता खोला।
इस बार के चुनाव में भाजपा नेता संतोष गंगवार भरी मतों से विजयी हुए और यहां के सांसद बने। गंगवार इस सीट से 6 बार विजयी हुए और लगातार 20 सालों तक यहां के सांसद रहे। 2009 में कांग्रेस ने वापसी की और कांग्रेस नेता प्रवीण सिंह एरोन बरेली की सीट से जीते लेकिन 2014 में यह सीट फिर बीजेपी की झोली में आ गई।