न्यूज डेस्क
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश की योगी सरकार ने लोहिया ट्रस्ट बिल्डिंग को मुलायम परिवार से खाली करा लिया है। इस पर कड़ी कारवाई करते हुए राज्य संपत्ति विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया है। बता दें कि लोहिया ट्रस्ट की यह बिल्डिंग मुलायम परिवार के कब्जे में थी। सपा सरंक्षक मुलायम सिंह इसके अध्यक्ष और उनके भाई शिवपाल सिंह सचिव थे। इसके अलावा पूर्व सीएम अखिलेश यादव सहित कई नेता इस ट्रस्ट के सदस्य हैं।
राज्य संपत्ति विभाग ने यह कदम सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उठाया है। राज्य संपत्ति विभाग ने कड़ी सुरक्षा के बीच इसको (लोहिया ट्रस्ट) कब्जे में लिया है। गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले खाली करने के आदेश दिए थे। इसके बाद अखिलेश यादव को अपना बंगला छोड़ना पड़ा था। अखिलेश यादव अभी तक अंसल सिटी में रह रहे थे।
सरकार द्वारा जो बिल्डिंग खाली कराई गयी है वो अभी तक शिवपाल यादव की पार्टी के कब्जे में थी। इस बंगले को खाली करने के लिए लोहिया ट्रस्ट ने राज्य संपत्ति विभाग से कुछ दिन का समय मांगा था। आवंटन रद्द होने के बाद ट्रस्ट 70 हजार रुपये प्रतिमाह बंगले का किराया दे रहा था, जोकि बाजार दर पर वसूला जा रहा था।
रिटायर आईएएस अधिकारी ने दायर की थी याचिका
इस संबंध में रिटायर आईएएस अधिकारी एसएन शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने याचिका में कहा था कि लोहिया ट्रस्ट बंगला नियमों का उल्लंघन करके आवंटित किया गया है। साथ ही कई अन्य बंगले भी नियम के खिलाफ आवंटित किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर ट्रस्ट और सोसाइटी के अनाधिकृत बंगलों को चार महीने में अंदर खाली करने का आदेश दिया था।
नए एक्ट के तहत हुआ था आवंटन
लोहिया ट्रस्ट के लिए बंगले का आवंटन एक जनवरी 2017 को नए एक्ट से किया गया था, जोकि10 साल के लिए था। जबकि एक्ट में संशोधन के बाद बंगला पांच साल के लिए आवंटित किया जा सकता है।
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