प्रियंका परमार
जैसा की हम सभी इस बात का इंतजार कर रहे थे, आखिरकार वह आज हो गया। सिंगापुर में कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा था इसलिए इस बात की उम्मीद थी कि यहां जल्द ही लॉकडाउन किया जायेगा। आज शाम चार बजे देश को एड्रेस करते हुए प्रधानमंत्री ली हसेन लूंग कोरोना वायरस के खिलाफ लंबी जंग लड़े रहे सिंगापुर को 1 महीने के लॉकडाउन की घोषणा की। उन्होंने उम्मीद जतायी है कि इस एक माह के लॉकडाउन में सिंगापुर कोरोना वायरस को अपने देश से भगा देगा।
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली हसेन लूंग ने देशवासियों को सबोधित करते हुए कहा कि अगले एक महीने तक लॉकडाउन रहेगा। यानी 7 अप्रैल से 4 मई तक सिंगापुर में लॉकडाउन रहेगा। इस दौरान यहां के मुख्य इकोनॉमिक सेक्टर और जरूरी सुविधाओं जैसे ग्रॉसरी शॉप, सुपरमार्केट्स, बैंकिंग, ट्रांसपोर्ट, क्लीनिक और अस्पतालों को छोड़कर सब बंद रहेगा। इसके साथ ही स्कूलों और यूनिवर्सिटी को भी होम बेस्ड लर्निंग के लिए कह दिया गया है। स्कूल बंद होने की वजह से मिड-ईयर परीक्षाएं नहीं होंगी। प्री-स्कूल और स्टडेंट केयर सर्विसेज बंद रहेंगी। हालांकि जिनके पेरेंट वर्किंग हैं उनके लिए लिमिटेड सर्विसेज चलती रहेगी।
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प्रधानमंत्री ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि किसी को कोई दिक्कत नहीं होगी। यहां खाने-पीने की चीजे पर्याप्त मात्रा में हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लोग उतना ही सामान खरीदें जितनी जरूरत है। यदि किसी के पास ज्यादा हो तो वह उन लोगों को दें जिनके पास नहीं है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
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सिंगापुर में पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमितों के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। वर्तमान में कोरोना वायरय के संक्रमितों की संख्या 1114 हैं जिनमें से 473 मरीज अस्पतालों में हैं। कोरोना से अब तक यहां पांच लोगों की मौत हो चुकी है। जाहिर है यह आंकड़ा सिंगापुर जैसे छोटे देश के लिए चिंता बढ़ाने वाली है। पिछले तीन माह से ये देश कोरोना से जंग लड़ रहा है और काफी हद तक सफल भी रहा है। फरवरी के दूसरे सप्ताह तक चीन के बाद सिंगापुर का नंबर था जहां कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज थे। यहां 23 जनवरी को पहला मरीज मिला था। आज दो माह से ज्यादा समय हो गया है लेकिन यहां संक्रमित मरीजों का आंकड़ा हजार के आंकड़े पर सिमटा हुआ है तो वह बड़ी बात है।
अमेरिका, इटली, स्पेन जैसे कई देशों में कोरोना वायरस ने कितने कम समय में विकराल रूप धारण कर लिया, यह पूरी दुनिया देख रही है। ऐसे में सिंगापुर का यह आंकड़ा इस देश की हिम्मत और जज्बे की गवाही देता है कि यह देश कितने धैर्य के साथ कोरोना से जंग लड़ रहा है।
लॉकडाउन के बाद से सिंगापुर की चुनौतियां बढ़ने वाली है। अभी तक सरकार लॉकडाउन नहीं कर रही थी तो इसके पीछे अर्थव्यवस्था थी। जाहिर है एक महीने की बंदी से यहां बहुत कुछ बदलने वाला है। अर्थव्यवस्था के साथ-साथ कई चीजे प्रभावित होंगी। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी है। इसलिए इसका असर यहां पहले से दिख रहा था। लॉकडाउन की घोषणा सरकार ने आज की है लेकिन लोगों की नौकरियां जानी यहां भी शुरु हो गई है, खासकर आईटी में।
सरकार इस बात को अच्छे से समझ रही है कि लॉकडाउन की मार से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी, बावजूद सरकार ने देशवासियों के स्वास्थ्य के लिए यह फैसला लिया है। दरअसल सिंगापुर की यही खूबी है। स्वास्थ्य, शिक्षा और जीरों क्राइम यहां की प्राथमिकता में हमेशा से रही है और हमेशा रहेगी। अब जब लॉकडाउन होने जा रहा है तो निश्चित ही कई चुनौतियां आयेंगी और इस चुनौती से सिंगापुर आसानी से पार पायेगा। क्योंकि चुनौतियों से जूझना सिंगापुर के लिए नई बात नहीं है। इस छोटे से देश ने बहुत कम समय में अपनी काबिलियत और मेहनत के बलबूते वह सब कुछ हासिल कर लिया जो एक सम्पन्न देशों के पास होता है। ऐसे ही नहीं सिंगापुर दुनिया के सबसे महंगे देशों में शुमार हैें।
(प्रियंका सिंगापुर में रहती हैं। वह आईटी कंपनी में कार्यरत हैं। )
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