न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। दुनिया में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस ने भारत में भी अपने पैर पसार लिए हैं। भारत में इस महामारी से पीड़ित लोगों की संख्या 650 पार कर चुकी है। इस बीच ये महामारी भारत में ना फैले ऐसे में भारत सरकार ने 21 दिनों का लॉकडाउन लगा दिया है।
इस लॉकडाउन के दूसरे दिन मोदी सरकार ने राहत पैकेज का ऐलान किया, लेकिन जिस तरह हर योजना को अगले तीन महीने के लिए तैयार किया गया उससे इस बात की संभावनाओं को बल मिलने लगा है कि क्या ये लॉकडाउन का संकट 21 दिनों से ज्यादा होने वाला है?
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लॉकडाउन के चलते घरों में कैद हुई जनता परेशान है और विपक्ष की ओर से आर्थिक पैकेज की मांग लगातार हो रही थी। इस बीच आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान कर दिया।
निर्मला सीतारमण ने इस दौरान महिलाओं के खाते में राशि, मुफ्त गैस सिलेंडर, किसानों को आर्थिक मदद, कर्मचारियों के ईपीएफ में मदद जैसे बड़े ऐलान किए, लेकिन इनमें सिर्फ एक ही चीज कॉमन थी वो ये कि हर चीज की तैयारी 3 महीने के लिए की थी। जिससे सवाल पैदा होना लाजिमी है की क्या सरकार को पता है कि इस महामारी से जल्दी निजात मिलना मुश्किल है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब देश को कोरोना महामारी के मसले पर देश को संबोधित किया था, तब उन्होंने देशवासियों से दो- तीन हफ्ते मांगे थे। इसके बाद पहले एक दिन का जनता कर्फ्यू लगाया गया, लेकिन 24 मार्च को 21 दिन का महाकर्फ्यू लगा दिया। यानी 14 अप्रैल तक लोगों को अपने घरों में कैद रहना है।
लेकिन अब जिस तरह से तीन महीने तक की राहतों का ऐलान किया गया है, ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार आगे की तैयारियों को लेकर आगे बढ़ रही है। हालांकि केंद्र सरकार ने इस बात की पुष्टि नहीं की है। सवाल उठ रहा है कि अगर कोरोना वायरस के हालात नहीं सुधरते हैं तो क्या लॉकडाउन को 21 दिन से बढ़ाकर अप्रैल- मई और जून तक जारी किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कई बार इसका जिक्र किया है कि विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिए 21 दिनों तक सोशल डिस्टेंसिंग जारी रखने की बात कही है। इस वजह से देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया है।
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लेकिन अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा दिए गए कुछ बयानों को गौर करें तो इनमें कहा गया है कि ये जरूरी नहीं है कि लॉकडाउन से ही कोरोना वायरस का खतरा खत्म हो जाता है, इसके लिए उन मरीजों की तलाश करना और इलाज करना जरूरी है जो इससे पीड़ित हैं। साथ ही उनके संपर्क में आए सभी लोगों को क्वारनटीन में रखना भी जरूरी है।
भारत से पहले कोरोना वायरस दुनिया के कई देशों में अपना भयानक रूप दिखा चुका है। चीन, स्पेन, ईरान, इटली और अमेरिका अब तक की सबसे भयावह बीमारी का सामना कर रहे हैं। भारत से पहले इन देशों ने भी अपने यहां लॉकडाउन का ऐलान किया था, जिसका कुछ हद तक असर भी दिखा है।
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इटली की तरह अमेरिका ने भी अपने देश में नेशनल इमरजेंसी लगाई और लोगों को घरों में रहने को कहा। लेकिन पिछले दो हफ्तों में अमेरिका में कोरोना वायरस ने भयानक रूप ले लिया और अब वहां पॉजिटिव केस की संख्या 67 हजार के पार पहुंच चुकी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपने एक बयान में कहा था कि दुनिया पर कोरोना वायरस का असर अगस्त तक फैल सकता है।
तो कुल मिलाकर आज जो ऐलान केंद्र सरकार की तरफ से किये गए है, उससे एक बात तो साफ है कि महामारी का खतरा केवल चंद दिनों का नहीं है, अभी भारतवासियों को लम्बी लड़ाई लड़नी है। और जरुरत पड़ने पर लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जा सकता है।
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