न्यूज डेस्क
कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए देश के 538 जिले में लॉकडाउन कर दिया गया है। लॉकडाउन की मार सबसे ज्यादा गरीब मजदूर, रोजमर्रा काम करने वाले कर्मचारियों पर पड़ी है। लॉकडाउन होने के बाद कई राज्यों की सरकारों ने राशन में छूट का ऐलान किया है। इसके साथ यह भी सवाल उठने लगा है यदि भारत में लंबे समय तक लॉकडाउन जैसी स्थिति आती है तो वह कितने दिनों तक गरीबों का पेट भर सकता है?
देश में लॉकडाउन से कुछ दिन पहले ही लोग डर से बड़ी मात्रा में अनाज, राशन का सामान खरीद कर स्टोर कर रहे थे। जनता कर्फ्यू के एक दिन पहले तक लोगों ने भारी मात्रा में खरीददारी की है। जिनके पास संसाधन था उन्होंने तो खरीद लिया लेकिन डेली वेजेज पर काम करने वाले लोगों के सामने संकट है। हालांकि राज्य सरकारें गरीबों को लेकर गंभीर हैं और सरकार अनाज मुहैया कराने की बात कह चुकी हैं। उत्तर प्रदेश में तो योगी सरकार ने गरीबों के खाते में एक हजार रुपए मंगलवार को ट्रांसफर भी करा दिया है।
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हर देश विषय परिस्थितियों के लिए अनाज का भंडारण करता है। भारत के पास भी अनाज का पर्याप्त भंडार है। रिपोर्ट के अनुसार भारत करीब डेढ़ साल तक गरीबों को अनाज उपलब्ध करा सकता है। इसके अलावा आने वाले दिनों में नई फसल के साथ ही राशन के इस भंडारण में बड़ा इजाफा हो जायेगा।
देशभर में खाद्यान्न वितरण का काम देखने वाली संस्था फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन डीवी प्रसाद के अनुसार देश में खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है। देश भर गरीबों में बांटने के लिए करीब 50 से 60 मिलियन टन राशन की जरूरत होती है, जबकि अप्रैल के अंत तक देश के पास 100 मिलियन टन खाद्यान्न होगा। साल 2019-20 में भारत में 292 मिलियन टन रिकॉर्ड खाद्यान्न के उत्पादन का अनुमान है।
चैयरमैन प्रसाद ने बताया कि देश के किसी भी हिस्से में खाद्यान्न की आपूर्ति के लिहाज से चिंता की कोई बात नहीं है। हालांकि कई राज्यों में भंडारण की समस्या है और वे बड़ी मात्रा में राशन नहीं जमा रख सकते।
मालूम हो खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने बीते सप्ताह कहा था कि कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थी छह महीने के लिए राशन जमा करके रख सकते हैं।
गौरतलब है कि देशभर में लॉकडाउन होने की वजह से लोग पैनिक बाइंग कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में खाद्यान्न की कीमतों में इजाफे की आशंका जताई जा रही है। अभी लॉकडाउन हुए तीन दिन हुए हैं लेकिन सब्जियों के दाम में 30-40 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो गई है। इसके अलावा राशन में 10 से 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो गई है।