न्यूज डेस्क
चीन का वुहान शहर, जहां चार महीने पहले कोविड 19 का जन्म हुआ और देखते-देखते पूरी दुनिया उसकी चपेट में आ गई, वहां आज 11 हफ्तों के लॉकडाउन को खत्म कर दिया गया। हजारों लोगों ने पहली ट्रेन और फ्लाइट लेकर शहर छोड़ दिया। सड़के-हाईवे पर गाडिय़ों का रेला दिखने लगा। वुहान के लोग एक उम्मीद के साथ फिर से अपनी पुरानी जिदंगी में लौट आए हैं।
चीन के हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान में कोरोना वायरस का संक्रमण शुरु हुआ था तो वहां के लोगों को ये अंदाजा नहीं था कि ये वायरस इतनी तबाही मचायेगा। इन तीन महीनों के दौरान यहां के लोग बहुत ही तकलीफ से गुजरे। तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। लाखों के दिल और दिमाग पर कोरोना की दहशत का असर आज भी है।
लॉकडाउन के खत्म होने पर इमारतें उन स्वास्थ्यकर्मियों और अधिकारियों के प्रति आभार जताने के लिए रंग बिरंगी बत्तियों से सज गईं, जिन्होंने मुश्किल हालात के समय में शहरवासियों की सेवा की। शहर की एक इमारत पर लिखा था “साहसी शहर”। यह उपनाम चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वुहान को दिया है।
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लॉकडाउन खत्म होने पर लोगों ने चीनी झंडे लहराए और “वुहान बढ़े चलो” के नारे लगाए। इस मौके पर लोगों ने चीन का राष्ट्रगान भी गाया।
वुहान में अभूतपूर्व लॉकडाउन खत्म हो चुका है। यह लॉकडाउन कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में कई देशों के लिए एक मॉडल साबित हुआ। अब वुहान के लोगों को बिना कोई आदेश दिखाए शहर से बाहर जाने की इजाजत है, हालांकि उन्हें एक अनिवार्य स्मार्टफोन ऐप डाउनलोड करना होगा जिससे ट्रैकिंग की मदद दे सरकारी निगरानी हो पाए कि वे स्वस्थ हैं और हाल के दिनों में किसी पॉजिटिव केस के संपर्क में नहीं आए हैं।
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65,000 लोगों ने छोड़ा शहर
लॉकडाउन खुलते ही ट्रैफिक को सामान्य होने में वक्त नहीं लगा। पुल के ऊपर से गाडिय़ा जाने लगीं, दोबारा खुले हाइवे फिर गाडिय़ों से पट गए। स्थानीय मीडिया के मुताबिक लॉकडाउन के खत्म होने के कुछ घंटे के भीतर करीब 65,000 लोग शहर छोड़ चुके थे।
लोग रेल, हवाई और सड़क के रास्ते शहर छोडऩे लगे।
लॉकडाउन 8 अप्रैल को खत्म हुआ लेकिन नए मामलों में गिरावट के बाद वुहान में पिछले कुछ हफ्तों से पाबंदियों में ढील दी जा रही थी। मालूम हो कि चीन में कोरोना वायरस से 82,000 लोग संक्रमित हुए थे और 3,300 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
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बुधवार 8 अप्रैल को सरकार ने कहा कि कोई नया मामला सामने नहीं आया है। हालांकि चीन के आंकड़ों की सत्यता के बारे में सवाल जरूर उठाए जा रहे हैं, लेकिन वुहान में जिस तरह का लॉकडाउन हुआ और उससे सफलता मिली उसको देखते हुए कई देश इस मॉडल को अपना रहे हैं।
76 दिनों के लॉकडाउन के दौरान लोगों को सिर्फ भोजन खरीदने या फिर बेहद जरूरी काम के लिए ही घरों से बाहर जाने दिया गया। कुछ लोगों को शहर भी छोडऩे दिया गया था हालांकि उन्हें इसके लिए दस्तावेज पेश करने पड़े कि वे स्वस्थ हैं और उन्हें कोई खतरा नहीं है। उन्हें यह भी लिखित में बताना पड़ा कि वे कहां और क्यों जा रहे हैं। कई बार अधिकारी ऐसे लोगों को लौटा भी देते थे जिनके लिखित पत्र प्रमाणित नहीं होते थे। इस तरह से हजारों लोगों को शहर से बाहर जाने से रोका गया।