- कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन की वजह से कारोबार हुआ प्रभावित
- छंटनी से लगभग 600 पूर्णकालिक ड्राइवर और राइडर और अन्य कर्मचारी होंगे प्रभावित
न्यूज डेस्क
कोरोना महामारी और तालाबंदी का प्रभाव हर तरफ दिख रहा है। तालाबंदी ने लाखों लोगों की नौकरियां छीन ली। यह सिलसिला अब भी जारी है। हर दिन हजारों लोग बेरोजगार हो रहे हैं। बड़ी कंपनियों से लेकर छोटी कंपनिया कॉस्ट कटिंग कर रही है। हर दिन हजारों लोग बेरोगारी की चपेट में आ रहे हैं।
बीते दिनों इंडिया बुल्स कंपनी ने बिना किसी पूर्व सूचना के अपने दो हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया तो अब ऑनलाइन कैब बुकिंग सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी उबर भारत में 600 कर्मचारियों की छंटनी करने जा रहा है।
यह भी पढ़ें : इंडिया बुल्स ने अपने 2000 कर्मचारियों को वाट्सएप कॉल द्वारा नौकरी से निकाला
ये भी पढ़े: क्या कोरोना बदल देगा राजनीति की दिशा ?
उबर इंडिया का कहना है कि कोरोना वायरस के असर और स्थिति सामान्य होने की अनिश्चितता ने छंटनी के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा है। इस छंटनी से लगभग 600 पूर्णकालिक ड्राइवर और राइडर और अन्य कर्मचारी प्रभावित होंगे।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने मंगलवार 26 मई को जारी बयान में कहा कि यह छंटनी देश में कंपनी के कार्यबल का लगभग 25 फीसदी है। छंटनी से प्रभावित होने वाले कर्मचारियों में ड्राइवर, राइडर सपोर्ट जैसे कर्मचारी शामिल हैं।
उबर इंडिया और दक्षिण एशिया के अध्यक्ष प्रदीप परमेश्वरन का कहना है कि ‘कोरोना वायरस के असर और स्थिति सामान्य होने की अनिश्चितता ने उबर इंडिया और दक्षिण एशिया के समक्ष छंटनी के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा है। इस छंटनी से लगभग 600 पूर्णकालिक ड्राइवर और राइडर, इसके साथ ही अन्य कर्मचारी प्रभावित होंगे। ये छंटनी कंपनी द्वारा इस महीने की शुरुआत में घोषित की गई वैश्विक रोजागर कटौती का हिस्सा है।’
परमेश्वरन ने कहा, ‘आज का दिन उबर परिवार और हमें छोड़ रहे सहयोगियों के लिए बहुत ही दुखद दिन है। हमने अभी फैसला किया है ताकि हम आत्मविश्वास के साथ भविष्य को देख सके। मैं हमें छोड़कर जा रहे सहयोगियों से माफी मांगता हूं और मैं उबर राइडर्स और भारत में काम करने वाले ड्राइवर्स का उनके द्वारा दिए गए योगदान के लिए आभारी हूं।’
परमेश्वरन ने कहा, ‘नौकरी से हटाए जा रहे हर कर्मचारी को कम से कम 10 सप्ताह का वेतन, अगले छह महीनों के लिए मेडिकल बीमा कवरेज, रिप्लेसमेंट सपोर्ट, कंपनी द्वारा मुहैया कराए गए लैपटॉप को अपने पास रखने के साथ-साथ उबर टैलेंट डायरेक्टरी से जुडऩे का विकल्प भी दिया जाएगा।’
यह भी पढ़ें : करोड़ों वेतनभोगियों की जिंदगी से जुड़ा बड़ा सवाल है ये
यह भी पढ़ें : ये कोरोना काल है या कन्फ्यूजन काल ?
मालूम हो कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशव्यापी तालाबंदी से कारोबार प्रभावित होने की वजह से वैश्विक स्तर पर उबर ने 3,500 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की है।
इससे पहले ओला ने तालाबंदी की वजह से कारोबार प्रभावित होने से अपने 1,400 कर्मचारियों की छंटनी की थी। वहीं फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी ने बीती 18 मई को ऐलान किया था कि बीते दो महीनों में ऑनलाइन फूड डिलीवर करने की मांग में तेज गिरावट आने से वह अपने 1,100 कर्मचारियों यानी लगभग 14 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी करेगी।
इससे पहले स्विगी की प्रतिद्वंद्वी कंपनी जोमैटो ने भी अपने 13 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी करने का ऐलान किया था। साथ ही कंपनी ने कहा था कि वह अपने कर्मचारियों की तनख्वाह में अगले छह महीने तक अधिकतम 50 फीसदी की कटौती भी करेगा।