न्यूज डेस्क
देशव्यापी लॉकडाउन ने देश की अर्थव्यवस्था को तगड़ी चोट पहुंचायी है। इस लॉकडाउन से हर तबका प्रभावित हुआ है। बेरोजगारी बढऩे के कारण लोगों के सामने गंभीर आर्थिक समस्या आ गई है। अब निर्यातकों के संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (स्नढ्ढश्वह्र) ने सरकार को चेताते हुए कहा है कि यदि लॉकडाउन लंबा चला तो निर्यातक काफी मुश्किल में आ सकते हैं। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार जाने की आशंका बढ़ जाएगी।
फिओ ने कहा कि भारत में लॉकडाउन और लंबा खिंचा तो इससे निर्यातकों को काफी मुश्किल हो सकती है। फिओ के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने कहा कि बांग्लादेश, दुबई और ब्रिटेन जैसे कई देशों ने लॉकडाउन समाप्त करने के लिए अब समाधान व दिशानिर्देश तैयार किए हैं।
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भारत 25 मार्च से लॉकडाउन है। इस दौरान काम-धंधे सब ठप हैं। इसके कारण पूरी अर्थव्यवस्था का पहिया रुक गया है। पहले पीएम मोदी ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए तीन हफ्ते का लॉकडाउन किया था और बाद में इसमें 19 दिन का विस्तार दे दिया। अब तीन मई तक भारत में लॉकडाउन है।
फिओ के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने कहा, ‘पूरी तरह से लॉकडाउन लागू किये एक महीने से अधिक हो चुके हैं और इसके कारण उद्योगों व श्रमिकों के लिये मुश्किलें खड़ी हो रही हैं। अगर यह लंबे समय तक जारी रहा तो निर्यातकों के सामने दिक्कतें आ सकती हैं।’
देश में निर्यात की स्थिति पहले भी बहुत बेहतर नहीं थी। कोरोना वायरस के कहर और लॉकडाउन की वजह से देश की इकोनॉमी को भारी नुकसान हो रहा है। इसका असर देश के आयात और निर्यात पर भी पड़ा है।
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मार्च में देश का निर्यात 11 साल के निचले स्तर पर रहा, जबकि इस दौरान आयात भी 52 माह में सबसे कम हुआ है। पूरे वित्त वर्ष के हिसाब से 2019-20 के दौरान आयात 9.12 प्रतिशत गिरकर 467.19 अरब डॉलर रहा, जबकि वित्त वर्ष में देश का निर्यात 4.78 प्रतिशत गिरकर 314.31 अरब डॉलर पर आ गया।
क्या होगा असर
निर्यात में गिरावट का असर लोगों के रोजगार पर पड़ता है। अगर निर्यातक मुश्किल में आते हैं, निर्यात में गिरावट होती है, तो कई सेक्टर में छंटनी शुरू हो जाती है। सराफ ने गृह मंत्रालय द्वारा 15 अप्रैल को जारी किए गए छूट संबंधी दिशा-निर्देश का स्वागत किया, लेकिन कहा कि इनका ऊपर से नीचे तक अमल होना महत्वपूर्ण है।
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