न्यूज डेस्क
अपने खान पान के लिए मशहूर नवाबों का शहर राजधानी लखनऊ अब अग्रेंजी शराब पीने के मामले में नंबर एक बन चुका हैं। आबकारी विभाग के द्वारा जारी आकड़ों के अनुसार देशी शराब के मामले में यूपी का गोरखपुर जिला सबसे आगे जबकि अग्रेंजी शराब पीने वालों की संख्या लखनऊ में सबसे ज्यादा है।
जारी किये गये आकड़ों के अनुसार इस आबकारी वर्ष के शुरुआती नौ महीनों में पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले गोरखपुर मंडल में 86.76 लाख बल्क लीटर देसी शराब ज्यादा बिकी। जबकि लखनऊ मंडल में इसी अवधि में अंग्रेजी शराब की 24.98 लाख बोतलें अधिक बिकीं। इसके अलावा बीयर के मामले में भी 59.75 लाख कैन की अधिक बिक्री के साथ लखनऊ मंडल सबसे आगे रहा।
आबकारी विभाग के एक अप्रैल से 30 नवंबर 2019 के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल की इसी अविधि के मुकाबले प्रदेश में देशी शराब की बिक्री में करीब 20% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। 2018 में 2,714.99 लाख बल्क जबकि इस साल 3,257.55 लाख बल्क लीटर शराब बिकी।
जबकि अंग्रेजी शराब और बीयर पिछले साल की अपेक्षा 15 फीसदी और 12 फीसदी ज्यादा बिकी। इस साल अंग्रेजी शराब की 1,581.42 लाख बोतल रही जबकि पिछले साल 1,373.05 लाख बोतल (750 एमएल) बिकी थी। वहीँ बात करें बीयर की तो पिछले साल 3,160.97 लाख कैन (500 एमएल) बिके थे, जबकि इस साल बीयर के 3,528.54 लाख कैन बिके।
अंग्रेजी शराब के मामले में लखनऊ रहा अव्वल
इन आंकड़ों को जिलावार देख जाए तो लखनऊ में अंग्रेजी शराब की बिक्री में सबसे ज्यादा हुई। यहां पिछले साल शुरुआती नौ महीनों में अंग्रेजी शराब की 92.69 लाख बोतलें बिकी थीं, वहीँ इस साल ये आकड़ा 104.19 लाख बोतल पहुंच गया। लेकिन महोबा में पिछले साल की अपेक्षा अंग्रेजी शराब की सबसे कम बिक्री हुई। यहां पिछले साल 3.08 लाख बोतलें बिकी थीं, जबकि इस साल 4.06 लाख बोतलें बिकी।
देशी में गोरखपुर जिले का कुशीनगर सबसे आगे
इसके अलावा इन आकड़ों को देख जाए तो, देशी शराब की बिक्री में सबसे आगे गोरखपुर मंडल का कुशीनगर जिला रहा। यहां पिछले साल की अपेक्षा 30.18 लाख बल्क लीटर देशी शराब की बिक्री अधिक हुई। दूसरे नंबर पर गोरखपुर जिला रहा, जहां 29.77 लाख बल्क लीटर शराब की खपत अधिक हुई।
वहीं, सुलतानपुर में इसकी संख्या कम हुई है यहां पिछले साल की अपेक्षा शराब की बिक्री में कमी दर्ज की गई हैं। पिछले साल यहां 37.11 लाख बल्क लीटर शराब बिकी थी, जबकि इस साल 20.68 लाख बल्क लीटर शराब ही बिकी।