जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. झारखंड से दिल को दहला देने वाली खबर मिली है. एक जवान बेटे को सिर्फ इसलिए फांसी लगाकर जान देनी पड़ी क्योंकि उसके पास अपनी माँ के अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे. माँ-बेटे की मौत की खबर फैली तो पूरे इलाके में मातम छा गया.
झारखंड के देवघर जिले में जसीडीह थाना क्षेत्र में रहने वाला किशन चौधरी मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करता था. कोरोना महामारी आयी तो काम मिलना कम हो गया. लॉकडाउन शुरू हुआ तो काम पूरी तरह से बंद हो गया. माँ की पेंशन के सहारे घर घिसटने लगा. सरकारी अनाज का भी सहारा मिला.
किशन की माँ लकवा ग्रस्त थीं. तीन साल से ज्यादा ही बीमार थीं. अचानक से उनकी तबियत ऐसी बिगड़ी की उनकी मौत हो गई. मौत की खबर पाकर आसपास के लोग जमा होने लगे. परिवार के बाक़ी सदस्य दूसरे शहर में एक शादी में शामिल होने गए थे. किशन ने कहा कि परिवार के सभी लोग आ जायेंगे तो कल अंतिम संस्कार किया जायेगा.
रात को जब किशन की माँ के शव के पास आसपास के तमाम लोग मौजूद थे तो किशन ऊपरी मंजिल पर अपने कमरे में चला गया. सुबह जब अंतिम संस्कार के लिए श्मशान जाने की तैयारी होने लगी तो किशन का दरवाज़ा खटखटाया गया मगर दरवाज़ा नहीं खुला. दरवाज़ा तोड़ा गया तो लाश छत में लगी बल्ली से लटकी थी.
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जानकारी मिली है कि किशन के सामने माँ के अंतिम संस्कार की चुनौती थी जबकि उसके पास एक भी पैसा नहीं था. ऐसे हालात में उसने भी माँ के साथ ही श्मशान जाने का फैसला किया. फैसला लेने के बाद आनन-फानन में ऊसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. आत्महत्या के लिए मजबूर करती इस बेबसी को जिसने भी सुना वह कांपकर रह गया.