न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। कोरोना महामारी से जहां पूरी दुनिया लड़ रही है तो वही प्रवासी मजदूर भूख से भी लड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश की तमाम सड़कों और हाईवे पर पैदल नजर आ रहे प्रवासी मजदूरों की आंखों में आंसू है और पैर छालो से भरी पड़े है।
पुलिस अपने फर्ज के आगे मजबूर हैं तो वही मजदूर अपने घर जाने के लिए मजबूर हैं। ऐसा ही वाकया उत्तर प्रदेश के लखनऊ- फैजाबाद हाईवे पर देखने को मिला प्रवासी मजदूर पुलिस वालो से हाथ जोड़ कहते नजर आए जाने दो साहब महामारी से नहीं भूख से मर जाएंगे।
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यह बात सुन पुलिस वाले भी भावुक हो गए। लेकिन फर्ज के आगे मजबूर होकर वे इन्हें रोकते हुए नजर आए। ऐसे ही तमाम भावुक दृश्य रोज देखने को मिल रहे है।
प्रवासी मजदूर हरि पाल परिवार के साथ व इंद्रेश रावत परिवार के साथ सड़कों पर पुलिस वालों के आगे हाथ जोड़े खड़े थे। इनसे जब पुलिस ने पूछा तो यह सब रोने लगे और बोले साहब मदद कर दो। उन्होंने पुलिस से कहा हमें जाने दें, हम महामारी से तो नहीं पर भुखमरी से मर जाएंगे।
पुलिस वालों ने कहा कि हम अच्छे से जान रहे हैं कि मजदूर बहुत परेशान हैं लेकिन हम कुछ नहीं कर सकते। बस इतना ही है कि जब तक यहां पर हैं इनके खाने का इंतजाम हम सभी लोग करवा रहे हैं।
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