Monday - 28 October 2024 - 11:04 AM

कोयला ऊर्जा की फंडिंग से बच रहे हैं ऋणदाता, मिल रहा है रिन्यूबल को फ़ायदा

डॉ. सीमा जावेद

फोस्सिल फ्यूल को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के संबंध में दुबई में COP28 में चल रही चर्चाओं के बीच, सेंटर फॉर फाइनेंशियल अकाउंटेबिलिटी (सीएफए) और क्लाइमेट ट्रेंड्स द्वारा किए गए एक हालिया विश्लेषण से प्रोजेक्ट फायनेंसिंग के लिए उधार देने में एक ख़ास बात का पता चला है।

दरअसल भारत में कोयला बिजली संयंत्र साल 2022 में, लगातार दूसरे साल, प्रोजेक्ट फायनेंसिंग के लिए उधार हासिल करने में विफल रहे। और इससे सीधा संकेत यह मिलता है है कि ऋणदाताओं के लिए रिन्यूबल एनेर्जी परियोजनाओं के लिए ऋण देना प्राथमिकता है।

कुल परियोजना वित्त ऋण 18,577 करोड़ रुपये (2.36 बिलियन अमेरिकी डॉलर) था, जो साल 2021 के स्तर से 45% की कमी दर्शाता है। इस कमी कि वजह के ताऊ पर विभिन्न बाहरी कारकों को जिम्मेदार माना जा सकता है। इनमें कोविड महामारी की वजह से परियोजना में हुई देरी, आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान, उच्च ब्याज दरों के कारण बढ़ी हुई वित्त लागत और घरेलू नीतियों के परिणामस्वरूप बढ़ी हुई लागत शामिल है।

रिन्यूबल एनेर्जी क्षेत्र में सोलर एनेर्जी प्रमुख शक्ति के रूप में उभरी, ग्यारह में से छह सौदों के माध्यम से वित्तपोषण के 40% का हिस्सा बना। हालाँकि, 2022 में सोलर ऋण में 64% से अधिक की उल्लेखनीय गिरावट भी देखी गई, जो 1,849 मेगावाट सौर परियोजनाओं के लिए 7,361 करोड़ रुपये (935 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की राशि थी। विंड एनेर्जी, जिसमें कुल रिन्यूबल एनेर्जी ऋण का 4% शामिल है, ने 144 मेगावाट की क्षमता वाली दो परियोजनाओं का समर्थन किया, जो 2021 की तुलना में 80% से अधिक की कमी को दर्शाता है।

हालाँकि, आरती ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2022 का विश्लेषण गैर-फोस्सिल फ्यूल स्रोतों से 500 गीगावाट बिजली पैदा करने के अपने एनडीसी 2030 लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत के समर्पण को भी दर्शाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रिन्यूबल एनेर्जी के लिए सुलभ और किफायती वित्त की सुविधा एक जलवायु नेता के रूप में भारत की प्रतिबद्धता और वैश्विक स्थिति को मजबूत करेगी।

अधिकांश ऋण वाणिज्यिक बैंकों से प्राप्त हुए, जिनमें पाँच सौदे और कुल फंडिंग का 68% शामिल है। रिन्यूबल परियोजनाओं के लिए वाणिज्यिक ऋण में 2021 के स्तर से 51% की कमी देखी गई। कूपरेटिव रबोबैंक यूए सबसे बड़े ऋणदाता के रूप में उभरा, जिसने कुल 7,749 करोड़ रुपये (985 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का ऋण प्रदान किया, जिसने एलएंडटी फाइनेंस के 2021 के सबसे बड़े रिन्यूबल ऋण को पीछे छोड़ दिया, जो 4,214 करोड़ रुपये (565 मिलियन अमेरिकी डॉलर) था।

सेंटर फॉर फ़ाइनेंष्यल अकाउंटेबिलिटी के कार्यकारी निदेशक जो अथियाली ने कहा कि भंडारण के साथ रिन्यूबल एनेर्जी की लागत अब नए कोयला संयंत्रों के निर्माण की तुलना में तुलनीय और सस्ती है। कोयले पर मौजूदा नकारात्मक वैश्विक दृष्टिकोण को देखते हुए, वित्तीय संस्थान कोयला परियोजनाओं को वित्तपोषित करने में झिझक रहे हैं।

फिलहाल भारत, लगभग 132 गीगावॉट रिन्यूबल एनेर्जी स्थापित कर चुका है, और जहां भी संभव हो, रिन्यूबल ऊर्जा के माध्यम से अतिरिक्त बिजली की मांग को पूरा करने के लिए दृढ़ है। वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक 2023 का अनुमान है कि भारत दशक के अंत से पहले ही अपनी आधी बिजली क्षमता गैर-फोस्सिल फ्यूल से प्राप्त करने के अपने 2030 के लक्ष्य को पार कर जाएगा। जैसे-जैसे वित्तीय संस्थान कोयला परियोजनाओं से अपना ध्यान हटा रहे हैं, रिपोर्ट रिन्यूबल ऊर्जा परियोजनाओं के लिए बढ़ी हुई फंडिंग सुनिश्चित करने के लिए नीतियों और विनियमों को संरेखित करने के महत्व को रेखांकित करती है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com