जुबिली न्यूज़ डेस्क
बीड की परली विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी पंकजा गोपीनाथ मुंडे चुनाव हार गई हैं। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और भाजपा नेत्री पंकजा मुंडे अपने दिवंगत पिता गोपीनाथ मुंडे की राजनीतिक विरासत नहीं बचा सकीं। हैरान करने वाली बात ये है कि पंकजा को उनके चचेरे भाई और एनसीपी प्रत्याशी धनंजय मुंडे ने चुनाव हराया है। धनंजय ने 30768 वोटों से पंकजा को हराया है।
पंकजा मुंडे ने परली विधानसभा सीट पर अपनी हार स्वीकार करते हुए कहा कि मैं हार की जिम्मेदारी लेती हूं। मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए काम किया। मैं, हालांकि सरकार में शामिल थी, लेकिन मेरे निर्वाचन क्षेत्र और लोगों के लिए हर मोर्चे पर मेरा संघर्ष जारी रहा।
बता दें कि पंकजा के पिता गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र के कद्दावर नेता थे। यहां तक की कहा यह भी जाता है कि गोपीनाथ जीवित होते तो वह ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होते। हालांकि एक दुर्घटना में हुई उनकी मौत ने महाराष्ट्र में पूरी सियासत ही बदल गई। अब उनकी विरासत को लेकर पंकजा मुंडे और धनंजय मुंडे में संघर्ष जारी है।
एक ओर पंकजा खुद को महाराष्ट्र की भावी सीएम के तौर पर देखती हैं तो वही दूसरी ओर उनके चहेरे भाई धनंजय खुद को गोपीनाथ मुंडे का वारिस बताते हैं। इतना ही नहीं धनंजय खुद को गोपीनाथ मुंडे की छाया भी बताते हैं।
फ़िलहाल इस चुनाव में धनंजय ने पंकजा मुंडे को हराकर जीत तो हासिल कर ली है लेकिन गोपीनाथ मुंडे की विरासत को आगे कौन बढ़ाएगा यह अभी देखना बाकी है।
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