जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. कोरोना काल में जहाँ तमाम लोगों की नौकरियां चली गईं और तमाम लोगों का वेतन आधा रह गया उस दौर में हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले एक बैंक कर्मचारी ने अपनी एक लाख रुपये की नौकरी छोड़कर अमरुद की बागवानी शुरू की. यह बैंक कर्मचारी अब अमरुद के बाग़ से चार लाख रुपये महीना कमा रहा है और आसपास के लोग इससे बागवानी सीखने के लिए आ रहे हैं.
बैंक कर्मचारी कपिल सोनीपत के शहजादपुर गाँव का है. उसे बैंक से एक लाख रुपये सैलरी मिलती थी लेकिन वह अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं था और कुछ अपना करना चाहता था. इसी बीच कोरोना आ गया और उसका ट्रांसफर गुजरात कर दिया गया. कपिल ने गुजरात जाने के बजाय अपने गाँव में ही रूककर कुछ करने का फैसला किया.
कपिल ने अपने गाँव में जैविक अमरुद का बाग़ लगाया. शुरुआत में आर्थिक समस्या भी हुई लेकिन उसने आगे बढ़ाए हुए कदम पीछे नहीं किये. अब वह हर महीने चार लाख रुपये कमाता है. उसके बाग़ में आठ किस्म के अमरुद उगते हैं. उसके अमरुद दुनिया के बेहतरीन अमरूदों को मात देते हैं. उसे अपना अमरुद बेचने कहीं जाना नहीं पड़ता. अमरुद उसके बाग़ से ही बिक जाते हैं.
कपिल ने बताया कि उसके बाग़ में ताइवान से लाये पौधे में भी अमरुद लगते हैं और वह बहुत पसंद किये जाते हैं. उन्होंने बताया कि अमरूदों की बागवानी से हो रहे इतने फायदे के साथ ही वह अब नीबू का बाग़ भी लगाने जा रहा है.
यह भी पढ़ें : लखनऊ में कांग्रेस द्वारा आयोजित लड़कियों की मैराथन को अनुमति नहीं
यह भी पढ़ें : इस व्यवस्था को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया बिहार
यह भी पढ़ें : सरकारी कर्मचारियों को मोदी सरकार से मिलने वाला है नये साल में ये तोहफा
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : गुनाह के सबूत हैं गवाह हैं मगर माई फुट