Saturday - 2 November 2024 - 11:56 PM

जानें 44 साल में कैसे बदली इस शहर तकदीर

न्यूज़ डेस्क

लखनऊ। न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (नोएडा) की स्थापना 17 अप्रैल 1976 को हुई थी, आज उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी के रूप में उभर के आया है और इसे उत्तर प्रदेश का आईना भी कहा जाने लगा है।

नोएडा आज अपना 44वां स्थापना दिवस मना रहा है लेकिन कोरोना के प्रकोप के चलते यह स्थापना दिवस समारोह किसी बड़े आयोजन का मूर्त नहीं ले पाया। लेकिन आपको निराश होने की जरुरत बिलकुल नहीं आज हम आपको बताएंगे नोएडा इस दरमियां कहां से कहां तक का सफर तय किया है।

ये भी पढ़े: तो क्या चीन की लैब से आया है कोविड 19?

ये भी पढ़े: कोरोना : अब जानवर ही बनेंगे दूसरे जानवरों का चारा

पूर्व में नोएडा प्राधिकरण ने इस स्थापना दिवस समारोह को यादगार बनाने की तैयारी की थी और एक सप्ताह तक लगातार कार्यक्रम आयोजित होने थे। लेकिन अब जिले के सभी विभागों के अधिकारी कोरोना से जंग में जुटे हैं और नोएडा प्रदेश में कोरोना के प्रमुख हॉटस्पॉट में से एक है। यहां पर 10,200 इंडस्ट्री हैं, जहां आठ लाख से अधिक कर्मचारी हैं। दो हजार से अधिक कॉल सेंटर हैं। यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश की पहली पुलिस कमिश्नरी भी बन चुका है।

प्रदेश सरकार के द्वारा की गई इनवेस्टर समिट में साइन हुए एमओयू में से करीब 60% गौतमबुद्ध नगर जिले के लिए हुए हैं। सैमसंग, ओप्पो जैसे बड़े ब्रांड यहां पर अपने सबसे बड़े संयंत्र शुरू कर चुके हैं। यहां पर नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास तीन-तीन प्राधिकरण काम कर रहे हैं।

ये भी पढ़े: कोरोना : कब्र में दफनाने को लेकर आया फतवा

प्रदेश की आर्थिक राजधानी नोएडा की प्रति व्यक्ति आय, प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय से दस गुना से भी ज्यादा है। उत्तर प्रदेश के अर्थ एवं संख्या विभाग ने वर्ष 2018-19 के जीडीपी के आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार गौतमबुद्ध नगर जिला पूरे प्रदेश में सबसे आगे है।

यहां पर प्रति व्यक्ति आय 6.71 लाख है, जबकि प्रदेश की औसत प्रति व्यक्ति आय 66 हजार 512 रुपये है। देश की सबसे बड़ी मल्टीलेवल कार पार्किंग नोएडा के बॉटनिकल गार्डन में है।

ये भी पढ़े: लॉकडाउन को ताक पर रख हुई शाही शादी

नोएडा में रोजगार बढ़ने के बाद यहां पर रहने वाले लोगों के लिए आवासीय इलाकों की भी जरूरत महसूस हुई। इसको देखते हुए 2002 से 2012 के बीच नोएडा में सबसे अधिक ग्रुप हाउसिंग के प्रोजेक्ट आए। इन प्रोजेक्टों में आज भी तीन लाख से अधिक लोग जहां अपने आशियाने का इंतजार कर रहे हैं, वहीं लाखों लोगों को यहां पर अपने सपनों का घर मिला भी है। निर्माण कार्य जोरों पर हैं।

ये भी पढ़े: …तो श्रीलंका में आयोजित हो सकता है IPL

दिल्ली मेट्रो ने भी वर्ष 2009 में नोएडा का सफर तय किया और आज मेट्रो शहर की प्रमुख परिवहन व्यवस्था है। नोएडा की स्थापना औद्योगिक शहर के रूप में हुई।

शुरुआत के दो दशकों में यहां पर उद्योगों के लगाने पर ही जोर रहा। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग बड़े पैमाने पर आए। सेक्टर-1 से 11 तक नोएडा का पहला फेज ऐसे उद्योगों से गुलजार हुआ। कई बड़े उद्योग भी लगे।

नोएडा फेज दो व तीन में मल्टीनेशनल कंपनियां आईं। उद्योग के साथ ही रिहायश, दुकानें और शिक्षण संस्थान भी खुले। वर्ष 2000 से पहले तक नोएडा की पहचान बड़े औद्योगिक शहर के रूप में होने लगी। यहां पर बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिले।

ये भी पढ़े: भारत में कोरोना की पर्याप्त जांच हो रही है?

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com