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चारबाग स्थित विराट इंटरनेशनल और एसएसजे होटल में हुए अग्निकांड मामले में एडीजी राजीव कृष्ण की जांच रिपोर्ट से बड़ा खुलासा हुआ है। इस जांच में एलडीए के बड़े अफसर दोषी मिले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, तत्कालीन संयुक्त सचिव राकेश कुमार मिश्रा और पीसीएस अफसर वीरेंद्र पांडेय दोषी पाए गए हैं।
जांच में दोषी मिले आईएएस राकेश कुमार के विषय में
बता दें शासन ने एडीजी जोन राजीव कृष्णा की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। अग्निकांड में दोषी पाए गए तत्कालीन संयुक्त सचिव राकेश कुमार मिश्रा अभी अंबेडकरनगर डीएम हैं। बताया जा रहा है कि एडीजी ने राकेश कुमार को कई नोटिस भेजे लेकिन डीएम साहब बयान दर्ज कराने नहीं आए।
बता दें कि 1995 बैच के पीसीएस राकेश कुमार मिश्र को 2012 में आईएएस पद पर पदोन्नति मिली। एसडीएम के रूप में देवरिया जिले से नौकरी की शुरुआत की। नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी रहते हुए राकेश कुमार उस समय चर्चा में आए जब डंपिंग ग्राउंड को लेकर इन्होने मुख्यमंत्री तक के आदेश को नहीं माना।
नोएडा में डंपिंग ग्राउंड को लेकर लोगों को बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ा था और इसके विरोध में स्थानीय लोगों ने लंबी लड़ाई लड़ी थी। सूत्रों की माने तो मिश्रा जी पर पंचप तल पर तैनात एक ताकतवर आईएएस की कृपा होने के कारण विवादों में आने के बाद भी हमेशा मलाईदार पोस्टिंग मिलती है।
क्या था चारबाग होटल अग्निकांड
आवासीय नक्शा पास करा के अवैध तरीके से बने होटल विराट इंटरनेशनल और एसएसजे में लगी आग की चपेट में छह लोग आए थे। घटना के बाद इसकी शुरूआती जांच में एलडीए ने हादसे के लिए अपने इंजिनियरों और अफसरों की कोई गलती न मानते हुए नक्शा बनाने वाले प्राइवेट ऑर्किटेक्ट को दोषी बता दिया था। हालांकि अब जांच में विभाग के अधिकारियों समेत 30 इंजीनियर भी दोषी मिले हैं।