स्पेशल डेस्क
लखनऊ। मुख्यमंत्री ने जनता की समस्याओं और परेशानियों के त्वरित निस्तारण के लिए आईजीआरएस यानी मुख्यमंत्री पोर्टल का गठन कराया और इस पोर्टल के अस्तित्व में आते ही स्वास्थ्य, कृषि, वित्त,वन आवास सहित तमाम विभागों की शिकायतें आने लगी ।
उनके निस्तारण के लिए अधिकारी भी सजग हो गए थे लेकिन कुछ समय बीतते ही अधिकारियों को समझ में आ गया था कि जनता की शिकायतों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है ही नहीं क्योंकि इस पोर्टल पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकती ।
आईजीआरएस केवल जनता को दिखाने के लिए बनाया गया है वास्तव में इसका शिकायत के निस्तारण से कोई सरोकार नहीं है, इसलिए बाद में शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही की जाने लगी और तो और शिकायत का बिन्दु कुछ और है तो भी विभाग के अधिकारी बिना डरे हुए औपचारिकता निभाते हुए जवाब कुछ और देने लगे।
शिकायतों के ऐसे ही निपटारा करने में भी जनता में यही संदेश गया कि मुख्यमंत्री का पोर्टल केवल दिखावा है और इस पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकती है।
मुख्यमंत्री के इस पोर्टल का सबसे ज्यादा मजाक बनाया लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने।
दरअसल एलडीए अपनी मनमानी करता है लेकिन जब इसकी शिकायत सीएम के पोर्टल पर की जाती है। उसपर कोई एक्शन छोडि़ए बल्कि देखा तक नहीं जाता है। इसका ताजा उदाहरण तब देखने को मिलता है जब कई शिकायते एलडीए के आधिकारियों की सीएम के पोर्टल पर की गई।
लखनऊ विकास प्राधिकरण से सम्बन्धित शिकायत समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली उत्तर प्रदेश के संदर्भ संख्या 400 15719 049 579 के अंतर्गत श्याम किशोर गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराई –
एन एस कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को 2010 में एम टेक डेवलपर्स कंपनी का इंटीग्रेटेड टाउनशिप का2006का लाइसेंस में अवैध रूप से दिया था और अब इस एन एस कंस्ट्रक्शन का इंटीग्रेटेड टाउनशिप का नाम बदलकर एलडीए शालीमार सिटी कर रही है जबकि आरटीआई में खुद एलडीए ने स्वीकार किया था कि मूल लाइसेंसी कंपनी का नाम बदला ही नहीं जा सकता है । एम टेक डेवलपर्स कंपनी ने लाइसेंस प्राप्त कर 2006 में हजारों की संख्या में लोगों से प्लाट बुक कराया और ढेर सारी धनराशि इक_ी की लेकिनअब तक प्लाट नहीं दिया इसलिए मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है कि एम टेक डेवलपर्स लिमिटेड का नाम शालीमार लेकसिटी बदलने की प्रक्रिया अवैध है और इस पर रोक लगाई जाए और हमें प्लांट दिलाएं।
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- समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली, उत्तर प्रदेश सन्दर्भ संख्या:-40015719050300
- आवेदनकर्ता का विवरण : नाम : SHYAM KISHORE GUPTA पिता/पति का नाम : Late Sriram Gupta
- लिंग : पुरुष मोबाइल नंबर-1 : 9450963041 मोबाइल नंबर-2 : 9450963041
- ईमेल : skgupta63@rediffmail.com
- Address : AE-165 NTPC COLONY UNCHAHAR शिकायत/सुझाव क्षेत्र की जानकारी : Area : नगरीय शिकायत/सुझाव क्षेत्र का पता —
आवेदन का विवरण : आवेदन पत्र का विवरण : A.N.S. कंस्ट्रक्शन लि० कंपनी ने 2006 मे L.D.A. से इंटीग्रेटेड टाउनशिप का लाइसेंस लेकर हजारों प्लाट बुक किये थे परंतु अपनी बदनीयत के कारण कंपनी ने 2006 का लाइसेंस निरस्त करवाकर 2010 मे पुनः नया लाइसेंस लिया। उसमे से M.Tech developers company को हटा दिया तथा पूर्व में बुक कराये लोगो से पैसा वापस लेने का दबाव बनाने लगा जबकि 2010 को लाइसेंस पुनः उसी A.N.S. Company को दिया गया इसमे लीड कंसोर्टियम बदल दिया गया इसके बाद बार बार यह कंपनी अपना लीड मेंबर बदलती रही हैं इस बार तो लाईसेंसी कंपनी A.N.S Construction Limited का नाम बदल कर शालीमार लेक सिटी कर रही हैं जबकि नाम बदल रही कंपनी पूर्व कंपनी की जिम्मेदारी liability भी ले रही हैं परंतु हम् लोगो को प्लाट नही दिया गया हैं जबकि L.D.A. ने सूचना प्राप्ति का आधार R.T.I. से बताया हैं तथा GO में भी हैं कि मूल कंपनी का नाम नही बदला जा सकता और न ही दूसरी कंपनी विकास कर सकती हैं इसके बाद भी कंपनी का नाम बदलने की प्रक्रिया चल रही हैं जो कि असवैधानिक हैं अतः आपसे अनुरोध हैं कि इनकी इस कंपनी के भ्रष्टाचार को रोका जाए तथा इस धोखाधड़ी के कार्य में लिप्त L.D.A. व कंपनी के अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए तथा इन सभी व्यक्तियों को प्लाट दिलवाया जाए जिनके धन को हड़पकर इस कंपनी ने 2006-2007 में इस टाउनशिप p के विकास के नाम पर अपना घर भरा हैं। कंपनी पूर्व में भी अन्य राज्यों में जनता को दुख दे चुकी हैं । श्रीमान जी हम लोगों के समस्या पर ध्यान देने की दया करे। सन्दर्भ का प्रकार : शिकायत अधिकारी : सम्पति प्रबन्धक विभाग : आवास एवं शहरी नियोजन सन्दर्भ श्रेणी : आवंटन सम्बन्धी संलग्नक : नही
शिकायत के निस्तारण में लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता ने शिकायत के बिंदुओं पर जवाब न देकर यह कहते हुए संबंधित योजना सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत नियमानुसार स्वीकृत हैऔर भूखंड आवंटन की शिकायत रेरा में दर्ज कराएं ।इसके साथ न ही कोई साक्ष्य दिए गए और ना ही कोई विवरण।
इस तरह से एलडीए जो शासनादेश के विरुद्ध अवैध रूप से नाम परिवर्तन करने की प्रक्रिया करने तथा प्लाट दिलाने का जिम्मेदार है वह शासन के आदेशों का खुला उल्लंघन कर रहा है वह मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल को एक मजाक मानकर अपना पल्ला झाड़ लिया।एल डी ए से सम्बन्धित इसी तरह की शिकायतें कई भुक्तभोगियों ने की है परन्तु एल डी ए के अधिकारी मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल को धता बताते हुए समस्या का समाधान न करके एक पहले से तैयार फार्मेट दे रहे हैं।मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर इन लोगों ने एल डी ए की शिकायत की है जिसके निस्तारण की कोई कार्रवाई नहीं की गई। शिकायातों का विवरण देखें
नाम संदर्भ संख्या
1 देवेंद्र सिंह 400 15719 049112
2 देवदत्त शर्मा 400 15719 049 506
3 राजीव सक्सेना 01571 904 9303
4 ओम प्रकाश बर्नवाल 400 1571 049 585
5 केदारनाथ गुप्ता400 15719 049 361
6 राजीव 400 15719050081
7 श्याम किशोर 400 157190503 0शिकायत का निस्तारण मुख्यमंत्री के स्तर से होना ही नहीं है और विभाग शिकायत के निवारण में रूचि नहीं लेता हैतो फिर मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल का औचित्य ही क्या है ?क्या एलडीए के अधिकारी इतने निरंकुश हो गए हैं कि वह पोर्टल को मजाक बनाएं और मुख्यमंत्री इनअधिकारियों खिलाफ कोई कार्रवाई न कर सकें।मुख्यमंत्री को गंभीरता से इस पर कार्यवाही करनी चाहिए ताकि जनता में शुचिता का संदेश जाये और प्रशासन की ईमानदार छवि और मजबूत हो सके।