जुबिली पोस्ट ब्यूरो
”आशियाना छीनने की तैयारी में विकास प्राधिकरण”
आशियाना दिलवाने का सपना दिखाने वाला लखनऊ विकास प्राधिकरण लोगों से आशियाने छीनने की योजना भी बना सकता है… ये सुनने में अजीब इसलिए लग रहा है क्योंकि वहां के अधिकारियों की कुछ ऐसी करतूत सामने आयी है, जिसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जायेंगे। पिछले करीब 10 साल से एक खेल LDA में चलाया जा रहा है जो गले से उतरने का नाम नहीं ले रहा है।
एलडीए रचता है फर्जीवाड़े का खेल
इंटीग्रेटेड टाउनशिप के नाम पर जो लाइसेंस दिया जाता है उसमे फर्जीवाड़ा का खेल भी खूब फलता फूलता है आलम तो यह है कि इंटीग्रेटेड टाउनशिप का लाइसेंस किसी और को दिया जाता है और इसकी आड़ में काम कोई और कराता है। फिर शुरू होता है आवंटियों को ठगने का धंधा। कुछ ऐसा ही मामला इन दिनों प्राधिकरण के कर्मचारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
शासनादेश को दरकिनार कर एक बार फिर लाइसेंस में हेराफेरी करने को तैयार लखनऊ विकास प्राधिकरण
बाघामऊ गोमती नगर विस्तार में एएनएस कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने फर्जीवाडे से लाइसेंस हासिल किया और इसकी आड़ में इस प्रोजेक्ट को अवैध रूप से शालीमार वन वर्ल्ड के नाम से एक घुसपैठिया कंपनी शालीमार लेकसिटी प्राइवेट लिमिटेड विकसित कर चुकी है। लेकिन अब ये बात निकल के आ रही है कि अब इस टाउनशिप पर DPR स्वीकृत करने का प्रस्ताव दिनांक 6.11.2019को एल डी ए बोर्ड की बैठक में पास होने वाला है, जिसमे भूखंड के स्थान पर फ्लैट की स्वीकृति मिलने जा रही है।
सबसे बडी़ बात है कि इस बैठक में प्रमुख सचिव आवास भी रहेंगे। समिति की सदस्यों की नजरें प्रमुख सचिव आवास पर टिकी हैं कि एल डी ए के अधिकारी होने जा रहे इस महा घोटाले पर किस तरह उनसे मुहर लगवाते हैं।
ऐसा तब है जब एमटेक कल्याण समिति के सदस्यों की प्लाट बुकिंग के करोड़ों रूपये एएनएस कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के पास जमा है और किसी को अब तक प्लॉट नहीं मिल सका है। समिति के लोग जहां दर- दर की ठोकर खाने को मजबूर है। वही लखनऊ विकास प्राधिकरण लाइसेंस में हेराफेरी की तैयारी कर नयी मिसाल देने वाला है। समिति के लोग बार- बार अपनी समस्या लेकर अधिकारियों से मिल चुके है, लेकिन निराशा के अलावा उन्हें कुछ मिला नहीं।
प्रमुख सचिव से भी नहीं डरते एलडीए के अधिकारी
एमटेक कल्याण समिति के सदस्यों ने प्रमुख सचिव आवास को शिकायत पत्र दिया था जिसको संज्ञान में लेते हुए पूर्व प्रमुख सचिव आवास श्री नितिन गोकरन ने 10 बिन्दुओं पर एल डी ए से जानकारी मांगी थी ।प्रमुख सचिव के कार्यालय की सूचना के अनुसार रिमाइण्डर देने के बाद भी एल डी ए के अधिकारियों ने नहीं दी सूचना और न ही अभिलेख।
भ्रष्टाचार में डूबे एलडीए के अधिकारी अब प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों को नजरंदाज करने लगें तो इससे अधिक सरकार के लिये शर्म की बात क्या होगी।
मिली जानकारी के मुताबिक सचिवालय के दर्जनों लोगों ने भी इस प्रोजेक्ट में निवेश किया है, जिनको प्राधिकरण के अधिकारियों ने विशेष लाभ दिलवाने का आश्वासन दे रखा है।
ये है पूरा मामला
लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा शासन की इंटीग्रेटेड टाउनशिप के नाम पर विकास नीति के तहत एएनएस कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को राजस्व ग्राम बाघामऊ गोमती नगर विस्तार लखनऊ में इंटीग्रेटेड टाउनशिप के विकास के लिए सन 2006 में लाइसेंस संख्या- 859/23.08.2006 दिया गया था, यहां तक सब ठीक था। इसके बाद ज्वाइंट वेंचर के तहत लीड मेंबर और मार्केटिंग तथा भूमि अर्जन का कार्य इस ग्रुप की कंपनी एम टेक डेवलपर्स लिमिटेड का था।
इस प्रोजेक्ट के विज्ञापन और एलडीए के लाइसेंस पर विश्वास करके एमटेक कल्याण समिति के सदस्यों के साथ अन्य लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और एमटेक सिटी में 200, 300 और 500 गज का भूखंड 20% भुगतान देकर बुक कराया और उसी बुकिंग के धनराशि से तत्समय कंपनी ने 185 एकड़ भूमि इसी लाइसेंस के अंतर्गत क्रय कर ली।
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