जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज आरोप लगाया कि कोरोना की महामारी ने एक ओर भारी तबाही मचा रखी है तो दूसरी तरफ बड़े महानगरों से श्रमिकों के पलायन की गम्भीर समस्या कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन रही है।
उन्होंने कहा था कि भाजपा सरकार ने ढोल पीटा था कि जो पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश आ गए हैं उन सबको रोजगार मिलेगा। करीब 1.5 करोड़ की उपलब्धता का दावा भी किया गया था लेकिन झूठ खुल गया, सच सामने आ गया। भाजपा ने जनता को धोखा देकर महापाप किया है। बड़े पैमाने पर मजदूरों का फिर पलायन हो रहा है।
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दिल्ली का आनन्द विहार बस अड्डा, नोएडा तथा देश के अन्य राज्यों से लाखों कामगारों का आना जारी है। इनका काम छूटा, पैसे खत्म अब अपने गांव लौट जाने की बेचैनी है। ट्रेन से भी हजारों आ रहे हैं।
गतवर्ष की तरह अभी तो रास्ते में इनके खाने-पीने की व्यवस्था में स्वयं सेवी संगठन भी सामने नहीं आए हैं। प्रवासी श्रमिकों के प्रति भाजपा सरकार की नीति और नीयत दोनों में खोट के चलते स्थितियां बिगड़ रही हैं। बड़ी संख्या में आ रहे लोगों की टेस्टिंग और दवाओं की कोई व्यवस्था नहीं है।
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राज्य सरकार दिल्ली और दूसरे महानगरों से आ रहे परेशान हाल परिवारों को उनके घर तक पहुंचाने की सुचारू व्यवस्था करने में असमर्थ साबित हो रही है। गतवर्ष कोरोना के संक्रमण और लाकडाउन के बाद जो हालात बने थे उनसे भाजपा सरकार ने कोई सबक नहीं सीखा।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों अपनी वाहवाही की थालियां बजवाते रहे, अब कोरोना पहले से कहीं बदतर परिणाम दे रहा है। रोजाना मौतें हो रही हैं। अस्पतालों में इलाज नहीं हैं। गरीबों को मरने पर भी ठोकरें खानी पड़ रही है।
गरीब कालाबाजारियों का शिकार हो रहा है तब भाजपा की राज्य सरकार आपदा में अवसर तलाशने वाले जमाखोरों, लापरवाह अधिकारियों और लूट मार में लगें समाज के कुछ वर्गों के साथ नूराकुश्ती के दांव आजमा कर जनता को धोखा दे रही है। जनता सब देख रही है। भाजपा ने लोकलाज खो दी है, प्रशासन चलाने की उसकी विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लग चुका है। अब उसकी खैर नहीं है।