न्यूज डेस्क
चुनाव आयोग का मतभेद अब सार्वजनिक हो गया है। आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े फैसलों पर असहमति जताने वाले चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की नाराजगी पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने जवाब दिया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शनिवार को केन्द्रीय चुनाव आयोग के सदस्यों में मतभेद की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि “चुनाव आयोग में 3 सदस्य होते हैं और तीनों एक-दूसरे के क्लोन नहीं हो सकते। सबके मत अलग हो सकते हैं और ये कोई पहली बार नहीं है। मैं किसी भी तरह के बहस से नहीं भागता। हर चीज का वक्त होता है।”
मुख्य चुनाव आयुक्त अरोड़ा ने कहा कि आज मीडिया में चुनाव आयोग की आंतरिक कार्यप्रणाली को लेकर रिपोर्टिंग की गई। इस विवाद को टाला भी जा सकता था। मैं जरूरत पड़ने पर व्यक्तिगत रूप से कभी भी डिबेट से नहीं कतराता हूं। मगर हर किसी चीज का एक समय होता है। यह बातें ऐसे समय में आई हैं जब सभी सातवें और आखिरी चरण के चुनाव की तैयारी में जुटे हैं।
सुनील अरोड़ा ने लिखा, ‘हालांकि, ये सारी बातें कार्यालय में रहने तक कई हद तक दायरे में रहीं जब तक कि संबंधित चुनाव आयुक्त/ मुख्य चुनाव आयुक्त ने किसी किताब में इसका जिक्र नहीं किया।’
चुनाव आयुक्त अशोक लवासा चुनाव आयोग से खफा हैं। इस वजह से वह किसी भी बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। मीडिया रिपेार्ट के मुताबिक लवासा ने मुख्य चुनाव आयुक्त को एक पत्र लिखकर कहा है कि जब तक उनके असहमति वाले मत को ऑन रिकॉर्ड नहीं किया जाएगा तब तक वह आयोग की किसी मीटिंग में शामिल नहीं होंगे।
चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने इसके पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को आचार संहिता की कई शिकायतों में चुनाव आयोग द्वारा क्लीन चिट दिए जाने पर असहमति जताई थी।
4 मई के बाद लवासा ने नहीं की कोई बैठक
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि लवासा के विरोध की वजह से आयोग ने चार मई के बाद आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर कोई बैठक ही नहीं की है, जबकि 3 मई का आयोग की बैठक में मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट उल्लंघन के सभी मामलों में मोदी और शाह को क्लीनचिट मिली थी, जिसके बाद आयोग की खूब आलोचना हुई थी।
इस मामले के विशेषज्ञों के मुताबिक चुनाव आयुक्त लवासा ने 4 मई से मुख्य चुनाव आयुक्त को कई रिमाइंडर भेजे हैं, जिसमें अल्पसंख्यक फैसले या अंतिम आदेशों में असहमति वाले नोट शामिल किए जाएं। अधिकारी ने कहा कि चुनाव आयोग ने तबसे लेकर अब तक आचार संहिता के उल्लंघन पर कोई आदेश पारित नहीं किया है।
कांग्रेस ने लवासा मामले को लेकर मोदी सरकार पर बोला हमला
कांग्रेस ने अशोक लवासा के आयोग की बैठकों में शामिल नहीं होने से जुड़ी खबरों को लेकर शनिवार को मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस सरकार में संस्थाओं की गरिमा धूमिल हुई है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है, “चुनाव आयोग है या चूक आयोग। लोकतंत्र के लिए एक और काला दिन। चुनाव आयोग के सदस्य ने बैठकों में शामिल होने से इनकार किया। जब चुनाव मोदी-शाह जोड़ी को क्लीनचिट देने में व्यस्त था तब लवासा ने कई मौकों पर असहमति जताई।”