जुबिली न्यूज़ डेस्क
इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 30 नवंबर को होने जा रहा है। ये चंद्र ग्रहण दीपावली के ठीक 16 दिन बाद पड़ रहा है। इस बार पड़ने वाले चन्द्र ग्रहण में खास बात ये है कि यह चंद्र ग्रहण अमेरिका सहित विश्व के कई देशों में देखा जा सकता है, लेकिन भारत में ये दिखाई नहीं पड़ेगा।
नवंबर माह में लगने वाला चंद्रग्रहण एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है, जिसकी वजह से इस चंद्रग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा। यह चंद्रग्रहण वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र में लगेगा। इस चंद्र ग्रहण से पहले कई राशियों को लाभ हो सकता है, जबकि कुछ राशि वालों के सामने चुनौतियां खड़ी रहेगी।
क्या होता है उपच्छाया ग्रहण
पूर्ण और आंशिक ग्रहण के अलावा एक उपच्छाया ग्रहण भी होता है। ये ग्रहण की ऐसी स्थिति को कहा जाता है जिसमें चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया न पड़कर उसकी उपच्छाया मात्र पड़ती है। इसमें चंद्रमा पर एक धुंधली सी छाया दिखाई पड़ती है। इस घटना में पृथ्वी की उपच्छाया में प्रवेश करने से चंद्रमा की छवि धूमिल दिखाई देती है।
बता दें कि कोई भी चन्द्रग्रहण जब आरंभ होता है तो चंद्रमा पृथ्वी की परछाई में प्रवेश करता है। इससे उसकी छवि कुछ मंद पड़ जाती है और चंद्रमा का प्रभाव मलीन पड़ जाता है। इसे ही उपच्छाया कहते हैं। इस दिन चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक कक्षा में प्रवेश नहीं करेंगे अतः इसे ग्रहण नहीं कहा जाएगा।
इस समय लगेगा ग्रहण
30 नवंबर, 2020 को लगने वाला चंद्र ग्रहण दोपहर 1:04 बजे से शुरू होगा, जबकि ग्रहण का मध्यकाल 30 नवंबर की दोपहर 3:13 बजे होगा। ये ग्रहण शाम 5 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा।
ग्रहण प्रारंभ – 30 नवंबर दोपहर 1 बजकर 4 मिनट
ग्रहण मध्यकाल – 30 नवंबर दोपहर 3 बजकर 13 मिनट
ग्रहण समाप्त – 30 नवंबर शाम 5 बजकर 22 मिनट
सूतक काल पर करें फैसला
साल का अंतिम चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं पड़ेगा, ऐसे में भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा। हालांकि कुछ लोग सूतक काल मानेंगे। और इस दौरान कुछ भी शुभ काम नहीं करेंगे, जोकि अपनी अपनी आस्था पर निर्भर करता है।
देश में नहीं दिखने वाले चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल को प्राथमिकता देता है या नहीं। पूजारी-विद्वानों का कहना है कि उपछाया चंद्र ग्रहण लगने के चलते इस दौरान सूतक काल मान्य नहीं होगा।
इन राशि को करेगा प्रभावित
ज्योतिषियों का कहना है कि यह साल का अंतिम चंद्रग्रहण होने वाला है। यह वृष राशि और रोहिणी नक्षत्र को प्रभावित करेगा। इस चन्द्र ग्रहण का असर लगभग सभी राशियों पर हो सकता है। हर ग्रहण का सूतक काल होता है, जिसमें भगवान के ध्यान और मंत्र का जाप करने का विधान है।
अंतिम सूर्यग्रहण 14 दिसंबर को
वहीं इस साल का पड़ने वाला अंतिम सूर्यग्रहण 14 दिसंबर, 2020 को लगेगा। सूर्य और चंद्र ग्रहण को मिलाकर अब तक कुल 4 ग्रहण लग चुके हैं। साल का अंतिम सूर्यग्रहण दिसंबर में लगेगा।