जुबिली न्यूज़ डेस्क
जब से नोएडा के पास जेवर एयरपोर्ट बनने की सुगबुगाहट शुरू हुई है, तब से भूमाफिया इस क्षेत्र में कुछ ज्यादा ही सक्रिय है। इस संबंध में पत्रकार विवेक अवस्थी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर जांच करवाने की मांग की है।
इस पत्र में पूर्ववर्ती समाजवादी सरकार में जेवर एयरपोर्ट के पास सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत/भ्रष्टाचार से भूमाफिया का गांव के प्राचीन तालाब का भराव एवं कब्जा-राजस्व रिकार्ड्स में भारी फर्जीवाड़ा का जिक्र भी किया गया है।
विवेक अवस्थी के मुताबिक, ये मामला बुलंदशहर जिले की सिकंदराबाद तहसील के झाझर गांव का है जो कि प्रस्तावित जेवर एयरपोर्ट से सिर्फ 7 किलोमीटर की दूरी पर है और ये जेवर-झाझर मुख्य मार्ग पर स्थित है।
यहाँ मई 2014 में भूमाफिया ने स्थानीय पुलिस और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से 15 दिन के भीतर गांव के प्राचीन पोखर में तकरीबन 3000 ट्रक मिट्टी डालकर उसे पाट दिया।
इस दौरान सैंकड़ों क्विन्टल मछलियां और जल मुर्गी मारे गए। सूच्य है कि सार्वजनिक उपयोग के भूमि का प्रयोग किसी भी अन्य कार्य के लिए नहीं किया जा सकता है तथा उसको उसके मूल स्वरूप में रखते हुए सार्वजनिक उपयोग का दायित्व राजस्व विभाग का है।
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सन्दर्भित प्रकरण में स्थानीय तहसील/जनपद के राजस्व स्टाफ के सांठ-गांठ कर प्राचीन पोखर के स्वरूप को बदलकर मिट्टी पाट कर समतल कर भूमाफियाओं द्वारा योजनाबद्ध तरीके से प्लाटिंग का कार्य जारी है जिससे सरकारी सार्वजनिकसम्पत्ति का मूलस्वरूप परिवर्तित हो रहा है तथा भू उपयोग बदल कर भूमाफिया धनार्जन कर रहे हैं।
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यद्यपि यह कार्य राजस्व विभाग व प्रशासन का है लेकिन उनकी सांठ-गांठ भूमाफियाओं से होने के कारण मैं उपरोक्त तथ्य शासन के संज्ञान में ला रहा हूँ जिससे प्रभावी कार्यवाही करते हुये तालाब को उसके मूल स्वरूप में सार्वजनिक उपयोग में लाने योग्य बनाया जाये जो शासन की मंशा है।
इस सम्बन्ध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी प्रदेश सरकारों को भिन्न-भिन्न निर्णयों में निदेशित किया है कि सार्वजनिक उपयोग के भूमि यथा पोखर, चारागाह, शमशान आदि को उनके मूल स्वरूप में रखा जाये।
कब्जा की हुई जमीन की चारदीवारी कर दी गयी एवं जब स्थानीय लोगों और ग्राम वासियों ने उनका विरोध किया तो उनको डरा धमकाकर/बलपूर्वक उनकी आवाज को शांत कर दिया गया।
जब भूमाफियाओं ने भरे हुए पोखर के ऊपर कॉलोनी काटनी शुरू कर दी तो स्थानीय लोगों की शिकायत पर तहसील की एक टीम मौके पर पहुँची और उसने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट तत्कालीन एसडीएम ए। के। करनी को सौंपी, लेकिन मामले को जल्द दबा दिया गया।
इसके बाद, तत्कालीन ग्राम प्रधान किरण देवी एवं ग्राम वासियों द्वारा 3 मई 2014 को आयुक्त राजस्व परिषद्, लखनऊ को शिकायत प्रेषित की गयी जिसकी जाँच तत्कालीन अपर आयुक्त से जांच करने के आदेश हुए।
23 मई 2014 को तहसीलदार की जांच रिपोर्ट में कहा गया कि इस भूमि का आवंटन जो कि अमजद अली, पुत्र मोहम्मद अली, निवासी खुर्जा जिला बुलन्दशहर को हुआ जो कि कृषि आवंटन प्रावधानों के विपरीत व अवैध है क्योंकि ये व्यक्ति झाझर गांव, सिकंदराबाद तहसील, जिला बुलंदशहर का मूल निवासी नहीं था।
वहीं अगले साल यानि 2 फरवरी 2015 की तहसीलदार की रिपोर्ट इससे एकदम उलट है – रिपोर्ट में कहा गया कि अमजद अली ने इस जगह को विभिन्न लोगों को बेच दिया और उन लोगों ने उक्त भूमि पर भराव करके तालाब के अधिकांश भाग को समतल कर दिया।
लगभग 100 बीघा इस जमीन के मालिक अब संदीप गुप्ता, पु़त्र एस के गुप्ता निवासी 19/43, पंजाबी बाग, नई दिल्ली और मैसर्स एर्स्कार्टर्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड है जो कि एनसीआर के बड़े और प्रभावशाली उद्योगपति हैं और यही कारण है कि इनका इतना रसूख है कि पुलिस और प्रशासन इनके सामने कतई प्रभावशाली नहीं है।
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