Sunday - 27 October 2024 - 11:35 PM

लांसेट की इस भविष्यवाणी से भारत की चिंता बढ़ी

जुबिली न्यूज डेस्क

भारत में कोरोना का विकराल रूप दिखाई दे रहा है। चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल है। संक्रमण के आंकड़े बढऩे के साथ-साथ मरने वालों का भी आंकड़ा बढ़ रहा है।

भारत में जिस तरह लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं उससे सरकार की भी चिंता बढ़ गई है। अब यह भी पता लगाना मुश्किल हो रहा है कि आखिर लोगों में कोरोना का संक्रमण कहां से हो रहा है।

फिलहाल इसी बीच लैंसेट मेडिकल जर्नल में यह दावा किया किया गया है कि कोरोना वायरस मुख्य रूप से हवा से फैलता है। इसीलिए कई सावधानियां और स्वास्थ्य सुविधाएं भी खतरनाक वायरस के आगे लाचार साबित हो रही हैं।

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इसके अलावा एक दावा यह भी किया गया है कि भारत में जून में हर दिन कोरोना से होने वाली मौ3तों का आंकड़ा ढाई हजार के पार हो सकता है।

एक अहम तथ्य यह है कि शोध से जुड़े एक वैज्ञानिक भारत सरकार की कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य हैं।

हर दिन होगी 12320 मरीजों की मौत

‘भारत में दूसरी कोरोना लहर के प्रबंधन के लिए जरूरी कदम’  शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जल्द ही भारत में हर दिन औसतन 1750 मरीजों की मौत हो सकती है। रोजाना मौतों की यह संख्या बहुत तेजी से बढ़ते हुए जून के पहले सप्ताह में 2320 तक पहुंच सकती है।

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टीयर-दो वाले शहरों में बुरा हाल

रिपोर्ट के अनुसार इस बार कोरोना से देश के टीयर-2 व टीयर-3 श्रेणी वाले शहर सबसे ज्यादा संक्रमित हैं। यानी दस लाख तक की आबादी वाले शहरों में इस बार हाल ज्यादा खराब हैं। साथ ही कहा गया है कि भौगोलिक स्थिति के हिसाब से देखें तो पहली लहर और दूसरी लहर में संक्रमणग्रस्त क्षेत्र लगभग वही हैं।

दूसरी लहर का कुछ जिलों में ज्यादा कहर

पहली लहर के दौरान 50 फीसदी मामले 40 जिलों से आते थे जो अब घटकर 20 जिले रह गया है। यानी कुछ जिलों में संक्रमण ज्यादा कहर बरपा रहा है। पिछले साल जब पहली लहर चरम पर थी तब 75 फीसदी मामले 60 से 100 जिलों से दर्ज हो रहे थे। जबकि इस बार इतने ही फीसद केसों में मात्र 20 से 40 जिलों का योगदान है।

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पहली व दूसरी लहर का अंतर समझिए

दोगुनी तेजी से वृद्धि : पहली लहर के दौरान दस हजार प्रतिदिन नए केसों से 80 हजार प्रतिदिन नए केस होने में 83 दिन का वक्त लगा था। जबकि इस बार फरवरी से अप्रैल की शुरूआत तक प्रतिदन मामले 80 हजार होने में मात्र 40 दिन लगे।

कम मौतें : शोध के अनुसार इस बार कोरोना के बिना लक्षण वाले मरीज ज्यादा तादाद में मिल रहे हैं जिससे तुलनात्मक रूप से कम मौतें हो रही हैं। जबकि पहली लहर में लक्षण वाले मरीजों की तादाद बहुत अधिक थी जिससे ज्यादा मौतें हो रही थीं।

मृत्युदर बढ़ेगी

भारत में कोरोना संक्रमण शुरू होने के बाद केस फैटालिटी रेट 1.3 प्रतिशत बना हुआ है। इस साल जनवरी के बाद से संक्रमित होने वाले मरीजों की केस मृत्यु दर 0.87 प्रतिशत बनी हुई है जो तुलनात्मक रूप से कम है पर जैसे -जैसे संक्रमण बढ़ेगा, इसमें वृद्धि होगी। 10 अप्रैल तक भारत का साप्ताहिक औसत मृत्यु आंकड़ा 664 है।

भारत को लेकर ये भविष्यवाणियां सच हुईं

लैंसेट ने पिछले साल मार्च में कहा था कि भारत में युवा आबादी ज्यादा होने के कारण दूसरे देशों के मुकाबले कम मौतें होंगी, जो सच साबित हुईं।

कोविड-19 इंडिया नेशनल सुपरमॉडल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि फरवरी – 2021 के अंत तक भारत में दूसरी लहर की शुरूआत हो जाएगी। यह रिपोर्ट देश के विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग की एक कमिटी ने बनायी जिसमें कई गणितिज्ञ, संख्यिकी विशेषज्ञ व विज्ञान विशेषज्ञों शामिल थे।

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