Saturday - 26 October 2024 - 11:10 AM

लालू के गढ़ में RJD नेता पहुंचा रहा है महागठबंधन को नुकसान

रेशमा खान 

लोकसभा चुनाव के पांच चरणों के मतदान खत्‍म हो चुके हैं। इस बीच आरजेडी अध्‍यक्ष लालू प्रसाद यादव के परिवार में तनातनी अभी बरकरार है।

आरजेडी आरजेडी प्रमुख लालू यादव जो चारा घोटाला मामले में जेल की सजा काट रहे हैं, बिहार की सारण सीट से चार बार सांसद रह चुके हैं। इस बार उनकी अनुपस्थिति में, राजद नें चंद्रिका राय जो की लालू के बडे पुत्र तेज प्रताप यादव के ससुर हैं, उन्हे मैदान में उतारा था।

लेकिन साऱण में आरजेडी के कैंडिडेट चंद्रिका राय को पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी उम्‍मीदवार राजीव प्रताप रुडी के बीच कडी टक्कर देखने को मिली।

हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का दावा है कि तेज प्रताप और उनके ससुर के बीच चल रहे टकराव की वजह से आरजेडी को सारण में नुकसान भी उठाना पड सकता है।

आरजेडी के एक वरिष्‍ठ नेता के अनुसार, तेजप्रताप के अपने ससुर के खिलाफ चलाए गए नकारत्मक अभियान महागठबंधन के लिए इस सारण सीट पर परेशानी पैदा कर सकता है।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2019 के पांचवें चरण में बिहार के पांच सीटों पर वोटिंग खत्म हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार बिहार में लगभग 57.86 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जिसमें मुजफ्फरपुर में सबसे अधिक 61.30 प्रतिशत मतदान हुआ।

पांचवे चरण के चुनाव में बीजेपी और उसेक सहयोगी दलों नें राजद को कम से कम तीन सीटों पर कडी चुनौती दी जिसमें मधुबनी, सारण और मुजफ्फरपुर महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।

मधुबनी में अशोक यादव जिन्हे उनके पिता हुकुमदेव नारायण यादव के स्थान पर बीजेपी नें टिकट दिया था, विकासशिल इंसान पार्टी (विआईपी) के बद्री पुर्बे और शकिल अहमद के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखा गया।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार कांग्रेस नेता शकिल अहमद के निर्दलीय के रुप में मौदान में उतरने की वजह से विआईपी प्रत्याशी को मुशकिलों का सामना करना पड सकता है। उन्होंने बताया की शकिल अहमद मिथिलांचल के कद्दावर मुस्लिम चेहरा माने जाते हें और इस बार आरजेडी के (मुस्लिम- यादव) वोट बैंक में अच्छा खासा सेंध लगा सकते हैं।

बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव भाजपा के दिग्गज नेता हुकुमदेव नारायण यादव नें आरजेडी के अब्दुल बारी सिद्दीकी को हराकर इस सीट को 20,000 मतों के अंतर से जिता था।

हाजीपुर जो की राम विलास पासवान की परंपरागत सीट रही हैं वहां से इस बार उनके छोटे भाई पशुपति पारस लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव लड रहे हैं मगर सुत्रों के हवाले से आ रही खबरों के अनुसार इस बार आरजेडी के शिवचंद्र राम उनहे कडी चुनौती दे रहे हैं।

सुत्रों ने बताया की लोक जनशक्ति पार्टी के मौजुदा सांसद रामा सिंह के आरजेडी की ओर बढती नजदीकियों की वजह से पशुपति पारस की परेशानी इस सीट पर बढ सकती है।

 

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