न्यूज डेस्क
साल 2020 बिहार और वहां की सियासत के लिए खास रहने वाला है। इस साल यहां विधानसभा चुनाव होना है, जिसका असर भी दिखने लगा है।
राजनीतिक दलों ने चुनाव के लिए कमर कस ली है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव जेल में बंद है लेकिन नीतीश को सत्ता से हटाने का नारा दे दिए हैं।
फिलहाल बिहार में एनडीए के सहयोगी दल और जेडीयू के नीतीश कुमार की सरकार है। लंबे समय से सत्ता से दूर राष्ट्रीय जनता दल के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। राजद चुनाव की तैयारी में जुट गई है। आज राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने ट्विटर के माध्यम से नीतीश कुमार को सत्ता से हटाने के लिए नारा दिया। उन्होंने ट्वीट किया है, ” दो हजार बीस, हटाओ नीतीश”
दो हज़ार बीस
हटाओ नीतीश— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) January 4, 2020
लालू के ट्वीट के बाद कई यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया दी। लालू के इस ट्वीट पर कमेंट करते हुए हंसराज मीणा नाम के यूजर ने लिखा, “हटाकर दम लेंगे।”
हटाकर दम लेंगे।#मोदी_एंटीनेशनल_हैं
— Hansraj Meena (@ihansraj) January 4, 2020
वहीं दूसरे यूजर्स राहुल राज यादव लिखते हैं, “दो हजार बीस, नीतीश फिनिश।”
यूजर्स दीपक सिंह यादव लिखते हैं, “2020 में अब बस बिहार को धोखा देने के बाद नीतीश कुमार को बिहार की जनता धोखा देगी!”
लेकिन कई लोग लालू यादव पर ही निशाना साध रहे हैं। अमृता पांडे नाम की एक यूजर ने लिखा है, “चालू हो गया 2020, मरते दम तक जेल में चक्की पीस।”
चालू हो गया दो हज़ार बीस
मरते दम तक जेल में चक्की पीस
( @shuklapinku )— Amrita Pandey (@Amritapandeyy) January 4, 2020
वहीं इसके जवाब में यूजर्स धर्मेंद्र यादव लिखते हैं, ” चक्की पीसना मंजूर हैं, पर सावरकर की तरह माफीनामा लिखना नहीं।”
चक्की पिसना मंजूर हैं पर सावरकर की तरह माफी नामा लिखना नहीं।
— Dharmendra yadav (@Dharmen07017274) January 4, 2020
वहीं ट्विटर यूजर मिस्टर सिन्हा लिखते हैं, “10 रुपये किलो आलू, जेल में चुप बैठो लालू…”
10 रुपए किलो आलू,
जेल में चुप बैठो लालू…
— Mr Sinha (@MrSinha_) January 4, 2020
हालांकि कुछ लोग नीतीश कुमार का समर्थन करते भी दिखे। ट्विटर यूजर्स शुभम एस. राजपूत ने ट्वीट करते हुए लिखा, ” 2020, बीस, फिर से आएँगे नीतीश।”
मालूम हो कि बिहार की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर 2020 को खत्म हो जाएगा।
गौरतलब है कि 2015 में नीतीश कुमार की जेडीयू, लालू यादव की आरजेडी और कांग्रेस महागठबंधन ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन बाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग हो गए और भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहे।
महागठबंधन से नीतीश के अलग होने पर लालू यादव और उनकी पार्टी ने उन पर आरोप लगाया था कि महागठबंधन से बाहर जाने की योजना पर नीतीश बीजेपी के साथ मिलकर पहले से काम कर रहे थे, लेकिन बीजेपी के साथ जाने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि ये पहले से तय नहीं था। हालात ऐसे बन गए कि हम साथ आ गए। उन्होंने महागठबंधन टूटने के लिए आरजेडी को जिम्मेदार ठहराया था।
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