- बिहार की सियासत में छिड़ा ‘कविता वार’
- राजद सुप्रीमो लालू यादव ने कविता के माध्यम से नीतीश पर कसा तंज
- जेडीयू ने भी बदले में कविता से आरजेडी पर कसा तंज
न्यूज डेस्क
बिहार चुनावी मोड में हैं। कोरोना महामारी और तालाबंदी के बीच सत्तारूढ़ दल और लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल आमने-सामने है। बिहार की सियासत में युद्ध शब्दों से हो रहा है। राजद तो पूरी तरह से मैदान में उतर गई है। वह ट्विटर के माध्यम से हर दिन किसी न किसी मुद्दे को लेकर नीतीश सरकार को घेर रही है। वहीं राजद के आरोपों का जेडीयू भी बराबर जवाब दे रही है। ऐसा ही कुछ लालू यादव के साथ हुआ है।
राजद प्रमुख व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव नेे कविता के माध्यम से नीतीश सरकार पर वार किया है। सोमवार को लालू यादव ने सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कविता के माध्यम से हमला किया, तो बदले में जेडीयू ने भी कविता के माध्यम से लालू पर तंज कसा।
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बिहार में अक्टूबर-नवंबर में चुनाव होना है। पिछले कई महीनों से ट्विटर अखाड़ा बन गया है। तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी, लालू यादव के अलावा राजद के कई नेता ट्विटर पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। इसी कड़ी में लालू यादव ने एक कविता ट्वीट की है जिसमें नीतीश कुमार पर उन्होंने तंज कसा है।
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पंद्रह साल से बिहार में
छल-बल राज
दलदल राज
अनर्गल राज
वाक्छल राज
निष्फल राज
विफ़ल राज
अमंगल राज
कोलाहल राज
हलाहाल राज
अकुशल राज
बंडल राज
अड़ियल राज
मरियल राज
घायल राज
इलीगल राज
अनैतिक राज
दुशासन राज
विश्वासघाती राजइसे उखाड़ने का करो काज
लाओ गरीब-गुरबे का राज।— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) June 1, 2020
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लालू यादव ने कविता के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके राज की ने केवल व्याख्या की है बल्कि इसे उखाड़ फेंकने का भी आह्वान कर दिया है। राजद प्रमुख चुनावी साल में सुस्त पड़ रहे बिहार की पॉलिटिक्स में जान फूंकने की कोशिश में जुटे हैं। लालू ने अपने इस ट्वीट को कविता का रूप दिया है और चुनावी मैदान में नीतीश कुमार से दो-दो हाथ करने का ऐलान कर दिया है।
लालू के इस ऐलान के बाद जेडीयू कहां चुप रहने वाली थी। जेडीयू नेता संजय सिंह ने लालू की इस कविता का जवाब कविता लिखकर ही दिया है। उन्होंने भी अपने ट्विटर हैंडल से एक कविता ट्वीट की है।
सबका जवाब जंगलराज
घोटाले का 15 साल
नरसंहार का 15 साल
जातिगत राजनीति का 15 साल
कमीशन खोरी का 15 साल
पलायन का 15 साल
अशिक्षा का 15 साल
बेरोजगारी का 15 साल
हकमारी का 15 साल
परिवारवाद का 15 साल
धृतराष्ट्र का 15 साल
दुर्योधन का 15 साल
आतंक का 15 साल,
बदनामी का 15 साल https://t.co/yF5rIVIBwZ— SanjaySinghJDU (@sanjaysinghjdu) June 1, 2020
लालू यादव ने पहली बार कविता के माध्यम से तंज नहीं कसा है। इसके पहले भी वह कविता के माध्यम से सरकार को घेरते रहे हैं। हां यह जरूर है कि जेडीयू भी उन्हें उनकी भाषा में ही जवाब देती रहती है।
बिहार में सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी तैयारियों में जुटी हुई है, लेकिन इसे स्वीकार नहीं कर रही है। बिहार में जिस तरह सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है उससे पूरा माहौल चुनावी ही लग रहा है।